कविता से मुलाकात हो गयी
तन्हा मेरी ज़िंदगी में ख्वाबों की बरसात हो गयी,
एक दिन था अकेला, कविता से मुलाकात हो गयी,
कुछ वो मुझसे कहने लगी कुछ मैं उसे कहने लगा,
एक अनजाने अपने पहलू से मीठी कुछ बात हो गयी,
वो मेरे शब्दों में घुल गयी कविता बन के ज़िंदगी की कहानी कह गयी
तन्हाई के आलम से बाहर आने लगा अकेलेपन में मेरी हमसफर वो हो गयी,
कल्पना करता हूँ जब भी उसकी खूबसूरती की उसकी गहराई में डूब जाता हूँ,
ज़िंदगी के मेरे हर पल को एक पल में वो जीवन कर गयी,
शब्दों का ना वो जाल है ना कोई मायाजाल,
वो तो बस मेरे दिल का हाल है इतनी बात वो कह गयी,
हर खुशी हर गम को मेरे साथ वो सहती है
कुछ ना कहती है मुझसे हर पल हंसाती रहती है
रूप अनेक बनाती है कभी ग़ज़ल है,
कभी है कविता, कभी शायरी वो कहलाती,
बस ओढ़ चुनरिया खुशियों की
वो मेरे दिल को छू के जाती,
रात की गहराई हो या दिन का पहर
साथ मेरे वो रहती है,
कभी रूठती है मुझसे कभी खेलती है
मेरे संग मेरी कल्पना में जीती है,
अब ना जीना उसके बिन,
मेरी सांसों में मेरी रूह में धड़कन बन के वो बस गयी,
तन्हा मेरी ज़िंदगी में ख्वाबों की रात हो गयी,
एक दिन था अकेला कविता से मुलाकात हो गयी
-गौरव
bhai……
mee apka mureed ho gya hu .
wo v bhut bda wala .
bhai mee khud v kavita krta hu, pr meri mulakat kavita se avi iss kadar nhi ho paya….
i ur great fan bhai.
mee ehssanmand rahunga agr aapko apne conect paa saku…..
plzzzz conect me sirrr .if u may…..
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कविता
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I’ma poet myself,par itni shiddit se shayad koi lafz mai na kbhi keh paunga na kbhi likh paunga..
Just awesome bro…
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main bhi mahenat karti hu
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rooh ko chu gyi aapki kavita…
mai bhi likhne ka shoq rakhti hu, lekin aisi khoobsurat kavitayein likhne k liye kaafi mehnat krni padegi.. 🙂
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Really heart touching lines…I understand that because I also writes something when I alone..
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