Amazing, best original Hindi love poems, Hindi shayari on love and romance, romantic Hindi poetry and Hindi prem kavita|हिंदी प्रेम कविता संग्रह और शायरी
एक अजनबी तुम एक अजनबी हम अनजानी राहों में मिल जाएंगे कुछ कहो तो सही गर बात होगी, तो तनहा न ये रात होगी ये खामोश लब खुद-ब-खुद मुस्कुरायेंगे कुछ कहो तो सही गमों को उतार इन एहसासों में डूबकर तो देखो ज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगे कुछ कहो तो सही हाथों में हाथ होगा, एक-दूजे का साथ होगा ये दृग-मेघ खुद-ब-खुद बरस जाएंगे कुछ कहो तो सही वक्त के उन क्रूर पलों को बिसार दो कुछ इबादत तुम्हारी कुछ दुआ हमारी रंग लाएंगे कुछ कहो तो सही ये असहज मौन न साधो क्या भरोसा इन लम्हों का कब बिछड़ जाएंगे कुछ कहो तो सही ।
हवा के झोंके मैंने सांस ली अपनी छत से…एक झोंके से वो उड़ चली तू थी कहीं मीलों दूर अपनी छत पे…तेरी भी सांसें उड़ चली मैंने सोचा कि मिलना तो ना था हमारे मुक़ददर में लिखा मगर…. कहीं ना कहीं वह हवाएं जाती होंगी जहां हमारे सांसें टकराती होंगी… जो कुछ हम कह न सके कभी वह मिलके अपनी दास्तान सुनाती होंगी । –आयुष पांडे
कभी दो हमें भी यह मौका, सजदे में तेरे झुक जाएं हम, लेके हाथ तेरा हाथों में, प्यार की चूड़ियाँ पहनाएं हम कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका, ज़ुल्फों की छाँव में रहने का, तेरे कानों में गुफ़्तगू कहने का, कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका, होठों से होठ मिलाने का, तेरी बाहों में सो जाने का, रात में तेरे ख्वाबों में जी लेने का, कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका, शाम के एहसास का, गहरे से जज़्बात का, आँखों में डूब जाने का, कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका,
नज़्म में तुझको दिल दे जाने का,
ग़ज़ल में तेरे गीत गुनगुनाने का,
सुरों की ज़िन्दगी में तेरे शामिल हो जाने का,
कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका, ज़िन्दगी की मुकम्मलता का, दुल्हन बन के तुम्हारे घर आजाने का, सुहाग की सेज पर हमको प्यार जताने का, कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका, सुबह आँख खुले तो तेरे दीदार का, बाहों में सुलगते से जिस्म का, मांग में तेरी सिन्दूर भर देने का, कभी दो हमें भी यह मौका, खुदको जाता देने का, अपना प्यार दिखने का, कभी दो हमें भी यह मौका -गौरव
लिख न सके बहुत कुछ सोचा पर कम लिखूं कभी आप कभी मैं कभी हम लिखूं आप का प्यार लिखूं आप की वफा लिखूं आप की शरमो हया लिखूं आप की बातें लिखूं आप के साथ बितायी हसीन रात लिखूं अब आप ही बताइए कि मैं क्या लिखूं -नेहा चौधरी
चाँद चांदनी को चाहता है जिस कदर, उस कदर चाहूँ मैं तुझे। मेरी एक खुवाईश है कि बस, या तू मेरी बन जा या अपना बना ले तू मुझे।
मुझे अच्छी तरह याद है वो दिन, जब हमारा मिलन हुआ , ये भी याद है तुम ने उस दिन क्या पहना हुआ था, हमारी किस बात से वार्तालाप शुरू होई थी. बस उस दिन के बाद मेरा दिल तेरी याद में सदा डूबे, या तू मेरी बन जा या अपना बना ले तू मुझे।
तुम मेरे पास होती हूँ तू मुझे लगता है की दुनिया की हर ख़ुशी है मेरे पास. जब तुम मेरे पास नहीं तो मेरे पास कुछ भी नहीं, तुम्हारे बिना इस दिल को और कुछ भी नहीं सूझे , या तू मेरी बन जा या अपना बना ले तू मुझे।
जब से तुम मुझे मिले हूँ मेरा दिल मेरे बस में नहीं. ये दिल बस तुम्हें खुश देखना चाहता है, जब तुम खुश होते हूँ तो मुझे सारी कयानात खुश नज़र आती है, जब तुम उदास होते हूँ तो मुझे अपने आप से नफरत होती है, बस मेरा दिल तुझे भगवान की तरह पूजे , या तू मेरी बन जा या अपना बना ले तू मुझे।
ना मेरे पास ज़्यादा पैसा ना ज़्यादा दौलत ,ना ही ज़्यादा शौरत, मैं तुम्हें प्यार करता था, करता हूँ और करता रहूँगा , बस तुम हमेशा के लिए मेरी बन जाओ और कुछ ना चाहूँ मैं उस खुदा से, बोलो भूषण अपनी फैमिली से कब मिलवाये तुझे । या तू मेरी बन जा या अपना बना ले तू मुझे।
-भूषण धवन
Chand Chandni ko chahta hai jis kadar, Us kadar chahu main tujhe ish kadar , Meri ek khwayish hai ki bas, Ya tu meri ban ja ya apna bana le tu mujhe,
Mujhe acchi tarah yaad hai wo din, Jab hamra Milan hua , Ye bhi yaad hai tumne us din kya pehna hua tha, Hamari kis baat se vartalap shuru huyi thi, Bas us din ke baad mera dil teri yaad me sada dube, Ya tu meri ban ja ya apna bana le tu mujhe,
Tum mere pass hoti ho to mujhe lagta hai ki duniya ki har khushi hai mere pass, Jab tum mere pass nahi to mere pass kuch bhi nahi, Tumhare bina ish dil ko aur kuch bhi nahi sujhe, Ya tu meri ban ja ya apna bana le tu mujhe,
Jab se tum mujhe mile ho mera dil mere bas me nahi, Ye dil bas tumhien khush dekhna chahta hai, Jab tum khush hote ho to mujhe sari kayanat khush nazar aati hai, Jab tum udas hote ho to mujhe apne aap se nafrat hoti hai, Bas mera dil tujhe bhagwan ki tarah puje, Ya tu meri ban ja ya apna bana le tu mujhe,
Na mere paas jyada paisa, na jyada daulat aur na hi jyada shauhrat, Main tumehin pyar karta tha, karta hu aur karta rahunga, Bas tum hamesha ke liye meri ban jao aur kuch na chahu main us khuda se, Bolo bhushan apni family se kab milwaye tujhe,
प्यार भरे शब्दों से कोई पैगाम लिखता हूँ। तड़प कर जिया हूँ बरसों तक। इस तड़प का कोई एहसास लिखता हूँ। दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ। हँसा था जो तूने मुझे देख प्यार से। उन जादू भरी नजरों का अंदाज लिखता हूँ। दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ। नाम तेरा बेनाम है सावन का कोई पैगाम है। बरसती हुई इन बूंदों में भीगा सी एक शाम है। जीवन की हर शाम को आज तेरे नाम लिखता हूँ। दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ। मेरी हर तमन्ना अधूरी थी तुझे पाने से पहले। इन तमन्नाओं को आज जीने की वजह लिखता हूँ। दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ। सीने में धड़कते दिल को तेरा खत मिल गया। सायरो की भीड़ में एक सायर नया बन गया। आज इसी सायरी को तेरे नाम लिखता हूँ। दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ। मैं कोई शायर नहीँ न तू मेरी कोई कल्पना है। तू हकीकत है तू इबारत है तू ही इस दिल की इबादत है। दिल में तेरी मोह्बत का कलमा बार बार पढता हूँ। दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ। दुआओं की भीड़ है तेरे लिये बहुत सी। मगर मेरी भी एक दुआ छोटी सी कबूल कर लेना ऐ खुदा। उसको रखना सदा दिल के पास। कैसे कहूँ तुझे दिल से आज खुदा लिखता हूँ। दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखता हूँ। बस तेरा ही नाम लिखता हूँ।
-गौरव
Dil ki es diwar par tera naam likhta hoon Pyar bhre shbdo se koi paigaam likhta hoon Tadap kr jiya hu barso tak Es tadap ka koi ehsas likhta hoon Dil ki es diwar par tera naam likhta hoon Hansa tha jo tune muje dekh pyar se Un jadu bhari nazron ka andaaz likhta hoon Dil ki es diwar par tera naam likhta h Naam tera bennaam hai sawan ka koi paigaam hai Barsti hue en bundo mein bhiga si ek sham hai Jivan ki har shma ko aaj tere naam likhta hoon Dil ki es diwar par tera naam likhta hoon Meri har tamnna adhuri thi tujhe pane se pahle En tamnnao ko aaj jine ki bajah likhta hoon Dil ki es diwar par tera naam likhta hoon Sine mein dhdkte dil ko tera khat mil gya Shayron ki bheed me ek shayr nya ban gya Aaj esi shayri ko tere naam likhta hoon Mein koi shayar nahi na meri tu koi kalpana hai Tu haqikat hai tu ebarat hai tu hi dil ki ebadat hai Dil me teri muhabbat ka kalma bar bar padta hoon Dil ki es diwar par tera naam likhta hoon Duaao ki bheed hai tere liye bhut si Magar meri bhi ek dua choti si kabool kar lena ae khuda Usko rakhna sada dil ke paas Kese kahu tujhe dil se aaj khuda likhta hoon Dil ki es deewar par tera naam likhta hoon Bas tera hi naam likhta hoon
इस ज़िन्दगी का खूबसूरत सपना हो तुम कह सके ये दिल जिसे अपना वो हो तुम पतझड़ सी ज़िन्दगी में आई हसीन बहार हो तुम इस जीवन रूपी गर्मी की ठण्डी फुहार हो तुम सर पर चढ़ता हुआ जूनून हो तुम इस दिल को राहत देने वाला सुकून हो तुम रब की करी हुई दिलक़श साज़िश हो तुम मेरी ज़िन्दगी की अब आखरी ख्वाहिश हो तुम
– मोनिका मखारिया
Is zindagi ka khoobsurat sapna ho tum Kah sake ye dil jise apna wo ho tum Patjhad si jindagi me Aayi haseen bahaar ho tum Is jeevan roopi garmi ki thandi phuhaar ho tum Sar par chadhata hua junoon ho tum Is dil ko raahat dene wala sukoon ho tum Rab ki kari hui dilkash saazish ho tum Meri zindagi ki ab Akhari khvahish ho tum
तुम आकाश हो अगर कभी मैं रहूंगी धरा तुम्हारी तुम पेड़ हो अगर कभी मैं रहूंगी छाया तुम्हारी तुम अगर फूल बन जाओ मैं महकूँगी तुम्हारी महक तुम अगर सागर बन जाओ तो छल्कुंगी बनकर तुम्हारी लेहेर तुम मेरे तन के कण-कण में बसे रहोगे मैं तुम्हारे मन के हर घर में बसी रहूंगी आएगा जब अंतिम समय हमारा तुम्हारे साथ तुलसी पत्र बनके आउंगी तुम कभी न होना अलग मुझसे मैं कभी न बिछड़ूगी तुमसे ज़िन्दगी भर ही की तो बात है, थोड़ी तुम काट लेना ; थोड़ी मैं बाँट लुंगी ।
-प्रियंका जोशी
Tum akash ho agar kabhi mein rahungi dhara tumhari , Tum ped ho agar kabhi mein rahungi chaya tumhari, Tum agar phool ban jao mein mehekungi tumhari mehek, Tum agar sagar ban jao to chalkungi bankar tumhari leher, Tum mere tan ke kan – kan me bassey rahoge mein tumhare man ke har ghar mein basi rahungi Ayega jab antim samay hamara tumahre saath tulsi patra banke aaungi Tum kabhi na hona alag mujhse Mein kabhi na bichadungi tumse zindagi bhar ki hi to baat hai thodi tum kaat lena, thodi mein baat lungi .
तुम सोचना नहीं मुझे कभी,
तुम ढूंढना नहीं मुझे कभी,
परेशान नहीं ठीक हूँ मैं।
जब तस्वीरे देख जाओ कभी,
जब आँखों में पानी लाओ कभी,
रुमाल निकाल पोछ सकते हो,
या इतना पानी तो सोख सकते हो
पर मुझे कुछ नहीं कहना क्योंकि,
परेशान नही ठीक हूँ मैं।
जब लिखा हुआ कुछ मिल जाए,
दिल में फिर से अरमां खिल जाए,
कुछ नहीं दबा लेना सब कुछ,
या किताब बना देना सब कुछ,
पर मुझे कभी मत पढ़ाना क्योंकि,
परेशान नहीं ठीक हूँ मैं।
याद में तुम रात गुज़ार दो अगर,
ये कोई नई बात नहीं होगी मगर,
चाँद को देखते मेरा अश्क नज़र आये,
मुँह फेर लेना अपना शायद इश्क़ मर जाये,
पर मुझे परेशान मत करना क्योंकि,
परेशान नहीं ठीक हूँ मैं।