November 30, 2019.Reading time 1 minute.
कुछ कहो तो सही एक अजनबी तुम एक अजनबी हमअनजानी राहों में मिल जाएंगेकुछ कहो तो सहीगर बात होगी, तो तनहा न ये रात होगीये खामोश लब खुद-ब-खुद मुस्कुरायेंगेकुछ कहो तो सहीगमों को उतार इन एहसासों में डूबकर तो देखोज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगेकुछ कहो तो सहीहाथों में हाथ होगा, एक-दूजे का साथ होगाये दृग-मेघ खुद-ब-खुद […]
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February 12, 2019.Reading time less than 1 minute.
समय मिले तो आकर मिलनालाइब्रेरी की टेबल पर,कुछ न बोलेंगें हम ज़ुबाँ सेऔर अटकेंगे किताबों पर,पलटेंगे पेजों को यूँ हींलफ्ज़ सुनेंगें हज़ारों पर,लिखे हुए लैटर का क्या करना ?जज़्बात पढ़ेंगे आँखों पर,दांतों तले कभी होंठ दबातेमुस्कान छुपायेंगे होंठों पर,समय मिले तो आकर मिलना,लाइब्रेरी की टेबल पर। (इस कविता के रचनाकार के सम्बन्ध में विवाद होने […]
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July 9, 2016.Reading time 1 minute.
दिल के मोबाइल मे तेरी रिंगटोन मैं बजाऊं तेरी सुँदर फोटो को वॉलपेपर बनाऊँ तू जो कभी रूठे तो फेसबुक लाइव पे मनाऊँ तू जो हस दे तो व्हाट्सप्प ग्रूप में में चिल्लाऊँ तेरे बिना जीना ऐसा बिना सिम के मोबाइल हो जैसा तू बन जा मेरी बीवी तुझे दूंगा एच डी टीवी -अनुष्का […]
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July 7, 2016.Reading time 1 minute.
आज का दिन खिला खिला है मेरा सनम जो मुझसे मिला है हाथ में उसके है मोबाइल चहरे पे है उसके स्माइल बाहर धूल गर्मी का झमेला घूमें सोचा मॉल का मेला हर दुकान पे है दरबान सब चीजों के ऊँचे दाम देख देख थक भी जाओ पूरे मॉल के पार न पाओ आख़िर आई पिज़्ज़ा […]
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