मेरे जज़्बात किसको बताऊं दिल की जाकर, मैं तो खुद से छिप कर बैठा हूं । दर्द, दुखांत, उदासियों को, मैं खुदमें लिफकर बैठा हूं । बस कलम से है बंधन मेरा, तभी बेयान यह लिख कर बैठा हूं । किसको बताऊं दिल की जाकर, मैं तो खुद से छिप कर बैठा हूं । मेरी […]
ऐसा लगाक्यों ऐसा लगा मैंने उसे देखाक्यों ऐसा लगा मैंने उसे सोचारातें ये दिनसिर्फ उसकी यादों मेंखोए रहते हैंपर इक खामोशी की चादर मेंछुपकर सोए रहते हैंन दिखाते हैं चेहरा अपनाआंसू भी इनकीआँखों में ख्वाब पिरोए रहते हैंआज उसकी यादें कुछ कहना चाहती हैंमरे इन सपनों को अपना बनाना चाहती हैंहो सकता है देख रहा […]
तुम्हारी याद दिल से जाती नहीं (कविता का शीर्षक) तुम से मिलने की आशा बहुत है मगर,तुम से मिलने कि रुत है कि आती नहीं|करूँ कितनी भी कोशिश दिल बहलाने की मगर,एक तेरी याद दिल से है कि जाती नहीं || प्रेम कि राह में मुझको ले चली|वो हाथ पकड़ के अपनी गली||मैं तो चलता […]
तेरी यादें (कविता का शीर्षक)उल्फत है तेरी कि ये बाहें तुझे पुकारती हैंहर रोज़ तेरी चाहत में ये तन्हाई मुझे डराती हैखुदा करे ये मुहब्बत तुझे भी एक बार मिलेये दर्द जो मुझे मिला है तुझे हर बार मिलेटूटे तारे की चमक भी नहीं छुपा सकतेये दर्द जो सीने में है तुम्हें भी नहीं बता […]
अगर मेरे बस में होता (कविता का शीर्षक)आसमान के सारे चाँद-तारे तोड़ लाता,दुनिया की सारी सुंदरता,तुम्हारे बालों में सजा देता,अगर मेरे बस में होता,दुनिया के सभी झरनों को ,मैं “माही” बना देता,आँखों से बहते आँसू,और लबों पर मुस्कान झलकते,दोनों को मैं संगम बना देता,अगर मेरे बस में होता,रातों में भी तुम्हारे, ख्बाबों में सोता,सपनों में […]
आप की यादें (कविता का शीर्षक)चाँदनी रात हैएक प्यारी सी बात हैहाथों में चाय का प्याला हैआपके आगमन से जीवन में उजाला हैयही बैठे हुएचाय की चुस्कियाँ लगाते हैंजबभी आपका खयाल आता हैमन ही मन मुस्कुराते हैं । यूँ तारों का टिम-टिमानाआपकी आखें याद दिलाता हैचाँद पर नज़र जाए तोआपका चेहरा नज़र आता हैकुछ तो […]
कुछ तो असर है (कविता का शीर्षक)कुछ तो असर है ज़िन्दगी में तेरी दुआओं का,कि ग़म बहुत है, आँखें भी नम है,फिर भी जिए जा रहे हैं, धीरे धीरे ही सही पर दो घूँट पीए जा रहे हैं,एक नीला सा आसमान है, कहने को तो सारा जहान है,पर तेरे बिना सब मंजर बंजर सब रेगिस्तान […]
तुमसेउस एक दिन जब बातें शुरू हुई तुमसेलगा कुछ तो अलग सा है तुम मेंलगा कुछ तो नया सा है तुम मेंफिर रोज़ की बातें होती गयीऔर यूं बिना सोचे पिघलती रही मैं उन मेंयूं ही बिना समझे फिसलती रही उस रास्ते पेहाँ पता था मुझको दोबारा उसी रास्ते जा रही हूँ जहाँ गम बहुत […]
एक पहल रिश्ते की ओर (कविता का शीर्षक )सुनो… सुनो न!कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलेंऔर बदलके इस रिश्ते को ढेर सारा प्यार देते हैं !चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सवार लेते हैं!जो गलतियां तुमने की हैं, जो गलतियां मैंने की हैं!साथ बैठके आज उन्हें सुधार लेते हैंचलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते […]
एक सहारा मिला था (कविता का शीर्षक) एक सहारा मिला था,जीवन में आगे बढ़ने के लिएआज वो भी छूटा सा नज़र आ रहा हैजो बनाया था कभी सपनों का महल,आज वो भी टूटा से नज़र आ रहा हैजीवन की नदी पार करने काकोई किनारा नहीं दिखाई पड़ता,बस चारों ओर समंदर नज़र आ रहा हैउलझ गया […]
रिश्ते की एहमियतजड़ों में ज़ख्म लग जायेंतो शाखें सूख जाती हैं,मिले हों मन अगरतो बातें रास आती हैं,दो लोगों की ज़रूरत कोकोई क्या जान पाया है,जुदाई एक दूजे कीअहमियत को बताती है ।भदौरिया निहारिका (रचनाकार ) Meaning with English Translations (for international and non-Hindi readers): Rishtey Ki Ehmiyat (The Importance of a Relationship) Jadon mein […]
कुछ कहो तो सही एक अजनबी तुम एक अजनबी हमअनजानी राहों में मिल जाएंगेकुछ कहो तो सहीगर बात होगी, तो तनहा न ये रात होगीये खामोश लब खुद-ब-खुद मुस्कुरायेंगेकुछ कहो तो सहीगमों को उतार इन एहसासों में डूबकर तो देखोज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगेकुछ कहो तो सहीहाथों में हाथ होगा, एक-दूजे का साथ होगाये दृग-मेघ खुद-ब-खुद […]
‘वह पल’ सालों का इंतज़ार एक पल बनके खड़ा था चाह तो थी कुछ और लेकिन समय विपरीत ही चल पड़ा था ।। पल की नज़दीकी क्षणिक और थी समय का चक्र भी मानो स्थल सा पड़ा था ।। आते ही उसके मैं समझ से बाहर खड़ा था मानो किसी बंजर जमीन को पानी का […]
रात की खुमारी मूक अँधेरी रात मेंकिसने छेड़ी बांसुरी की विरह तान कसमसाती हैं कलियाँ सनसनाते हैं कुछ गुमसुम अरमान बहती चपल बयार दिल का दुखड़ा कोई गुनगुनाती है साजन की याद में तड़पती विरहन कोई कुनमुनाती है चाँद है बरसाता नभमंडल से स्वेत अनुरागी कण धरा चूमती जिनको रसीले अधरों से हर-पल हर-क्षणअप्सरा करती श्रृंगार थामकर हाथों में अलौकिक दर्पण झिलमिल तारे झूमकर करते शुभ बेला में […]