दिल से आवाज़ आयी हैदिल से आवाज़ आयी हैजो कहा नहीं जाता वो सब बोलता है दिलशायद आँखों से पता लग जाये क्या कहता है दिलयार अजीब बात है इतनी याद आयी हैकि सोचते सोचते मेरी आंख भर आयी हैये मैं नहीं बोल रहाये तो दिल से आवाज़ आयी हैसुबह उठते ही आपको देखने को […]
अगर मेरे बस में होता (कविता का शीर्षक)आसमान के सारे चाँद-तारे तोड़ लाता,दुनिया की सारी सुंदरता,तुम्हारे बालों में सजा देता,अगर मेरे बस में होता,दुनिया के सभी झरनों को ,मैं “माही” बना देता,आँखों से बहते आँसू,और लबों पर मुस्कान झलकते,दोनों को मैं संगम बना देता,अगर मेरे बस में होता,रातों में भी तुम्हारे, ख्बाबों में सोता,सपनों में […]
आप की यादें (कविता का शीर्षक)चाँदनी रात हैएक प्यारी सी बात हैहाथों में चाय का प्याला हैआपके आगमन से जीवन में उजाला हैयही बैठे हुएचाय की चुस्कियाँ लगाते हैंजबभी आपका खयाल आता हैमन ही मन मुस्कुराते हैं । यूँ तारों का टिम-टिमानाआपकी आखें याद दिलाता हैचाँद पर नज़र जाए तोआपका चेहरा नज़र आता हैकुछ तो […]
उमंग-तरंग (शीर्षक)डूब डूब उतर आओआमग्न हो प्यार मेंझील की जल परियोंडूब डूब उतर आओ अंधेरे के आंचल मेंहीरे की कणियों सीआशा की जुगनुओंखुशियों के बयार मेंपंख पंख लहराओआमग्न हो प्यार मेंडूब डूब उतर आओ नभ में तेरी काया उजलीउर में यौवन की बिजलीसागर की ललनाओंदिल के दयार मेंबूंद बूंद बरसाओआमग्न हो प्यार मेंडूब डूब उतर […]
जाने भी दो यारों (कविता का शीर्षक)जाने भी दो यारोंजाने भी दो यारोंकब तक निगाहों में उनके बनते फिरोगे तुम गाफ़िलकल भी तेरे गुनाहों की चर्चा थी महफ़िल महफ़िलइस शोख मुहब्बत से तौबा क्यों न कर लो यारोंजाने भी दो यारोंअटकी पड़ी हैं सांसें बंद घड़ी की सूइयों सीमिलन की आशाएं दुबकी पड़ी छुइमुइ सीनयनों […]
लगता है उससे मोहब्बत होने लगी हैसूरत ना देखी मैंने उसकी,मूरत फिर भी उसकी बनने लगी है,दिन को चैन नहीं आता,और रातों की नींद उड़ने लगी है,लगता है उससे मोहब्बत होने लगी है,उसकी यादों में, आँखों से नीर बहते है,अब तो आँखों को आँसू से मोहब्बत होने लगी है,कलम लिखना चाहती है, केवल तुम्हारे बारे […]
मुझे तुमसे इश्क़ हो गयाखुदा से मिला रहमत है तूमेरे लिए बहुत अहम् है तूतेरे प्यार का मुझपे रंग चढ़ गयामुझे तुमसे इश्क़ हो गयान न करते कब हाँ कर बैठीदिमाग का सुनते सुनते कब दिल की सुन लीबस इतना पता है तुमसे इश्क़ हो गयाकब हुआ कैसे हुआ बस हाँ तुमसे इश्क़ हो गयातेरे […]
क्या हो तुम (कविता का शीर्षक)तुम्हें पता है कौन हो तुममेरे जिंदगी की अनछुई परछाई हो तुमसमझता मैं भी अजनबी था तुझे,मिला मुझे खुद का पता जब न था,मिली जब पनाह तेरे प्यार की,छोड़ हक़ीक़त सपनों में खो गया,मिला तेरा साथ तो अपनों का हो गया,बिताये हर एक पल ग़मों से दूर रहा मैं,रहता जिस […]
सुनो (कविता का शीर्षक ) सुनो, क्या दो पल मुझसे बात करोगी?सुनो, ज़िन्दगी के सफ़र पर तुम मेरे साथ चलोगी?सुनो, मेरी कहानियों से निकल तुम रास्ते में मेरा हाथ पकड़ोगी?सुनो, तुम क्यों हर वक्त जानकर भी अनजान बनती होकुछ सीख तुम्हें भी तो मिली होगीकि कैसे किया जाता है प्यारएक बार फिर पूछता हूँसुनो क्या […]
सच- सच बताओ यार कि कौन हो तुम सोचते – सोचते थक गया हूँ मैं, फिर भी सोचता रहा,लेकिन फिर भी नहीं समझ पाया,कि कौन हो तुम,क्या भूखे के पेट की रोटी की तलाश हो तुम,या प्यासे को पानी की तलाश हो तुम,या फिर जिंदगी की बीती हुई यादों का अहसास हो तुम,या बरसो बाद […]
देखा जब उसेदेखा जब उसे …दिल में आग लग गयी ….वक्त थम गयाऔर धडकन रुक गयी …पास जाकर देखातो चांद सी खिल गयी …कुर्ता जॅकेट मेंअप्सरा सी मिल गयी ….क़ातिल निगाहों मेंचमक उठी थी …उसकी हर मुस्कुराहट पेसांसे रुकी थी …उसकी हर अदाओं पेहम फिदा हो गए …जन्नत सी दिख गयीऔर हम वफा हो गए […]
कुछ कहो तो सही एक अजनबी तुम एक अजनबी हमअनजानी राहों में मिल जाएंगेकुछ कहो तो सहीगर बात होगी, तो तनहा न ये रात होगीये खामोश लब खुद-ब-खुद मुस्कुरायेंगेकुछ कहो तो सहीगमों को उतार इन एहसासों में डूबकर तो देखोज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगेकुछ कहो तो सहीहाथों में हाथ होगा, एक-दूजे का साथ होगाये दृग-मेघ खुद-ब-खुद […]
November 29, 2019.Reading time less than 1 minute.
हवा के झोंकेमैंने सांस ली अपनी छत से…एक झोंके से वो उड़ चलीतू थी कहीं मीलों दूर अपनी छत पे…तेरी भी सांसें उड़ चलीमैंने सोचा कि मिलना तो ना था हमारे मुक़ददर में लिखामगर….कहीं ना कहीं वह हवाएं जाती होंगीजहां हमारे सांसें टकराती होंगी…जो कुछ हम कह न सके कभीवह मिलके अपनी दास्तान सुनाती होंगी […]
लिख न सके बहुत कुछ सोचा पर कम लिखूं कभी आप कभी मैं कभी हम लिखूं आप का प्यार लिखूं आप की वफा लिखूंआप की शरमो हया लिखूं आप की बातें लिखूंआप के साथ बितायी हसीन रात लिखूंअब आप ही बताइए कि मैं क्या लिखूं -नेहा चौधरी