Amazing, best original Hindi love poems, Hindi shayari on love and romance, romantic Hindi poetry and Hindi prem kavita|हिंदी प्रेम कविता संग्रह और शायरी
कैसे निकल गए हमारी शादी के ये ५० साल पता ही नहीं चला मेरी बीवी इतनी बेमिसाल दुःख में सुख में सदा मेरे साथ रही कोई भी बात हो सदा “हमारी” बात रही मेरे जीवन को उसने रंगों से भर दिया आभारी हूँ प्रभु जो ऐसा हमसफ़र दिया -अनुष्का सूरी
Kaise nikal gaye hamari shadi ke ye pachas saal
Pata hi nahi chala mere biwi itni bemisal
Dukh mei sukh mei sada mere sath rahi
Koi bhi baat ho sada hamari baat rahi
Mere jeevan ko usne rango se bhar diya
Abhari hu Prabhu jo aisa hamsafar diya
-Anushka Suri
English Translation:
I can’t recollect how I spent these 50 years with my beloved wife
My wife has been so sweet and caring that I did not realizing spending so much time with her
Whether sorrow or happiness, she always stood by my side
Whatever issue came up, it was taken as “our” problem
She has filled my life with colors
I am thankful to God for blessing me with such a wonderful life partner.
सपने लेकर आयी है रात की चादर मेरी प्यारी परी तू सोजा इसे ओढ़कर आज का दिन जैसा भी हो तेरा गुज़रा अच्छा या बुरा तू इसका ग़म न कर ज़रा खुशियों की उम्मीद का कभी न छूटे दामन आगे बढ़ते जाने का ही तो नाम है जीवन -अनुष्का सूरी
How to read the text:
Raat Ki Chadar
Sapne lekar ayi hai raat ki chadar
Meri pyari pari tu soja ise odhkar
Aaj ka din jaisa bhi ho tera guzra
Accha ya bura tu iska gam na kar zara
Khushiyo ki ummeed ka kabhi na chhute daman
Aage badhte jaane na hi to naam hai jeevan
-Anushka Suri
English Translation:
The poet says to his beloved (wife or girlfriend), oh dear, the sheet of night has brought a lot of dreams with it. My angel, you please wrap it around and sleep. Whether your day was good or bad, please do not worry about it. Stay hopeful for a happy future. Life means moving from one day to another.
देखा जब उसे देखा जब उसे … दिल में आग लग गयी …. वक्त थम गया और धडकन रुक गयी … पास जाकर देखा तो चांद सी खिल गयी … कुर्ता जॅकेट में अप्सरा सी मिल गयी …. क़ातिल निगाहों में चमक उठी थी … उसकी हर मुस्कुराहट पे सांसे रुकी थी … उसकी हर अदाओं पे हम फिदा हो गए … जन्नत सी दिख गयी और हम वफा हो गए …. -संकेत गुंगे
एक अजनबी तुम एक अजनबी हम अनजानी राहों में मिल जाएंगे कुछ कहो तो सही गर बात होगी, तो तनहा न ये रात होगी ये खामोश लब खुद-ब-खुद मुस्कुरायेंगे कुछ कहो तो सही गमों को उतार इन एहसासों में डूबकर तो देखो ज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगे कुछ कहो तो सही हाथों में हाथ होगा, एक-दूजे का साथ होगा ये दृग-मेघ खुद-ब-खुद बरस जाएंगे कुछ कहो तो सही वक्त के उन क्रूर पलों को बिसार दो कुछ इबादत तुम्हारी कुछ दुआ हमारी रंग लाएंगे कुछ कहो तो सही ये असहज मौन न साधो क्या भरोसा इन लम्हों का कब बिछड़ जाएंगे कुछ कहो तो सही ।
हवा के झोंके मैंने सांस ली अपनी छत से…एक झोंके से वो उड़ चली तू थी कहीं मीलों दूर अपनी छत पे…तेरी भी सांसें उड़ चली मैंने सोचा कि मिलना तो ना था हमारे मुक़ददर में लिखा मगर…. कहीं ना कहीं वह हवाएं जाती होंगी जहां हमारे सांसें टकराती होंगी… जो कुछ हम कह न सके कभी वह मिलके अपनी दास्तान सुनाती होंगी । –आयुष पांडे
मूक अँधेरी रात में किसने छेड़ी बांसुरी की विरह तान कसमसाती हैं कलियाँ सनसनाते हैं कुछ गुमसुम अरमान बहती चपल बयार दिल का दुखड़ा कोई गुनगुनाती है साजन की याद में तड़पती विरहन कोई कुनमुनाती है चाँद है बरसाता नभमंडल से स्वेत अनुरागी कण धरा चूमती जिनको रसीले अधरों से हर-पल हर-क्षण अप्सरा करती श्रृंगार थामकर हाथों में अलौकिक दर्पण झिलमिल तारे झूमकर करते शुभ बेला में यौवन अर्पण पारदर्शी हिम शिखर आईनेदार दरख्तों पर खड़ी है सफ़ेद आँचल तले उजली हिरे मोतियों से जड़ी है मौन अमलतास की कोमल पत्तियाँ देखो चुलबुलाती हैं ओस की रेशमी बूंदें चांदनी की फुहार में कुलबुलाती हैं भोर अभी आना मत मनभावन चांदनी अभी कुँवारी है जवां है इक मधुशाला बावली रात की अजीब खुमारी है