Amazing, best original Hindi love poems, Hindi shayari on love and romance, romantic Hindi poetry and Hindi prem kavita|हिंदी प्रेम कविता संग्रह और शायरी
देखा जब उसे देखा जब उसे … दिल में आग लग गयी …. वक्त थम गया और धडकन रुक गयी … पास जाकर देखा तो चांद सी खिल गयी … कुर्ता जॅकेट में अप्सरा सी मिल गयी …. क़ातिल निगाहों में चमक उठी थी … उसकी हर मुस्कुराहट पे सांसे रुकी थी … उसकी हर अदाओं पे हम फिदा हो गए … जन्नत सी दिख गयी और हम वफा हो गए …. -संकेत गुंगे
एक अजनबी तुम एक अजनबी हम अनजानी राहों में मिल जाएंगे कुछ कहो तो सही गर बात होगी, तो तनहा न ये रात होगी ये खामोश लब खुद-ब-खुद मुस्कुरायेंगे कुछ कहो तो सही गमों को उतार इन एहसासों में डूबकर तो देखो ज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगे कुछ कहो तो सही हाथों में हाथ होगा, एक-दूजे का साथ होगा ये दृग-मेघ खुद-ब-खुद बरस जाएंगे कुछ कहो तो सही वक्त के उन क्रूर पलों को बिसार दो कुछ इबादत तुम्हारी कुछ दुआ हमारी रंग लाएंगे कुछ कहो तो सही ये असहज मौन न साधो क्या भरोसा इन लम्हों का कब बिछड़ जाएंगे कुछ कहो तो सही ।
कभी दो हमें भी यह मौका, सजदे में तेरे झुक जाएं हम, लेके हाथ तेरा हाथों में, प्यार की चूड़ियाँ पहनाएं हम कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका, ज़ुल्फों की छाँव में रहने का, तेरे कानों में गुफ़्तगू कहने का, कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका, होठों से होठ मिलाने का, तेरी बाहों में सो जाने का, रात में तेरे ख्वाबों में जी लेने का, कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका, शाम के एहसास का, गहरे से जज़्बात का, आँखों में डूब जाने का, कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका,
नज़्म में तुझको दिल दे जाने का,
ग़ज़ल में तेरे गीत गुनगुनाने का,
सुरों की ज़िन्दगी में तेरे शामिल हो जाने का,
कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका, ज़िन्दगी की मुकम्मलता का, दुल्हन बन के तुम्हारे घर आजाने का, सुहाग की सेज पर हमको प्यार जताने का, कभी दो हमें भी यह मौका,
कभी दो हमें भी यह मौका, सुबह आँख खुले तो तेरे दीदार का, बाहों में सुलगते से जिस्म का, मांग में तेरी सिन्दूर भर देने का, कभी दो हमें भी यह मौका, खुदको जाता देने का, अपना प्यार दिखने का, कभी दो हमें भी यह मौका -गौरव
समय मिले तो आकर मिलना लाइब्रेरी की टेबल पर, कुछ न बोलेंगें हम ज़ुबाँ से और अटकेंगे किताबों पर, पलटेंगे पेजों को यूँ हीं लफ्ज़ सुनेंगें हज़ारों पर, लिखे हुए लैटर का क्या करना ? जज़्बात पढ़ेंगे आँखों पर, दांतों तले कभी होंठ दबाते मुस्कान छुपायेंगे होंठों पर, समय मिले तो आकर मिलना, लाइब्रेरी की टेबल पर।
(इस कविता के रचनाकार के सम्बन्ध में विवाद होने के कारण कवि का नाम हटा दिया गया है )
बहुत समझाया है मैने इस दिल को
पर अब ये मेरी सुनता नहीं
हर धड़कन में अब तुम हो बसे
कि ये सपना कोई बुनता नहीं
तुम अब मेरे नही हो सकते ये दिल भी जानता है
पर इस दिल का क्या कसूर ये तो तुझे ही खुदा मानता है
तुम कहते हो जीवन में आगे बढ़ो सब ठीक होगा
लेकिन तुम्हें भी पता है कि तुम्हारी तरह कोई मुझे समझ सकता नहीं
बहुत समझाया है मैने इस दिल को
पर अब ये मेरी सुनता नहीं
भले ही ऊपरवाले ने हमारी जोड़ी ना बनाई हो
लेकिन इस जीवन में कुछ पल ही सही तेरे होने का एहसास हुआ , इससे बड़ी क्या खुदाई हो
बस दुआ है यही रब से…….
जब जिंदगी दे तो तेरे साथ नही तो जिंदगी ना दें
बहुत समझाया है मैने इस दिल को
पर अब ये मेरी सुनता नही
ऐ मेरे हमदम मुझपर एक और एहसान कर
आखिरी ख्वाहिश है दिल की यही समझकर
मेरा दिल तो रौशन है बस तेरे ही होने से
इसलिए इस दिल में तुम कभी अंधेरा करना नही
बहुत समझाया है मैने इस दिल को
पर अब ये मेरी सुनता नहीं
-प्रशांत आयुष वर्मा
Ab Dil Ye Meri Sunta Nahi
Bahut samjhaya hai maine is dil ko Par ab ye meri sunta nahi Har dhadakan mein ab tum ho base Ki ye sapna koi bunta nahin Tum ab mere nahin ho sakate ye dil bhee jaanata hai Par is dil ka kya kasoor ye to tujhe hee khuda maanata hai Tum kehte ho jeevan mein aage badho sab theek hoga Lekin tumhein bhee pata hai ki tumhaaree tarah koee mujhe samajh sakata nahi Bahut samjhaya hai maine is dil ko Par ab ye meri sunta nahi Bhale hee uparavaale ne hamaaree jodee na banaee ho Lekin ye jeevan mein kuchh pal hee sahee tumhaara hone ka ehasaas hua,
Isse badi kya khudai ho Bas dua hai yahi rab se ……. Jab jindagi de to tere saath nahin to jindagi na den bahut samjhaya hai maine is dil ko Par ab ye meri sunta nahi Ae mere hamadam mujhapar ek aur ahasaan kar Aakhri khvaahish hai dil kee yahee samajhakar Mera dil to raushan hai bas tumhaara hee hone se Isiliye is dil mein tum kabhee andhera karana nahin Bahut samjhaya hai maine is dil ko Par ab ye meri sunta nahi
-Prashant Aayush Verma
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इस ज़िन्दगी का खूबसूरत सपना हो तुम कह सके ये दिल जिसे अपना वो हो तुम पतझड़ सी ज़िन्दगी में आई हसीन बहार हो तुम इस जीवन रूपी गर्मी की ठण्डी फुहार हो तुम सर पर चढ़ता हुआ जूनून हो तुम इस दिल को राहत देने वाला सुकून हो तुम रब की करी हुई दिलक़श साज़िश हो तुम मेरी ज़िन्दगी की अब आखरी ख्वाहिश हो तुम
– मोनिका मखारिया
Is zindagi ka khoobsurat sapna ho tum Kah sake ye dil jise apna wo ho tum Patjhad si jindagi me Aayi haseen bahaar ho tum Is jeevan roopi garmi ki thandi phuhaar ho tum Sar par chadhata hua junoon ho tum Is dil ko raahat dene wala sukoon ho tum Rab ki kari hui dilkash saazish ho tum Meri zindagi ki ab Akhari khvahish ho tum
आज फिर हमारी नज़रे मिली वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगी उसके होठों की हसी मुझे बहाने लगी मुझे लगा की आज अपने दिल की बात कह दूंगा जो होगा उसे सच मान आगे बढ़ लूँगा मगर उसे किसी और से प्यार था वो तो किसी और पे मरती थी और मैं उसके लिये सिर्फ उसका एक यार था मेरे दिल में उसके लिये सिर्फ और सिर्फ प्यार था इसलिये मेरी हिम्मत फिर से हार गयी उससे अपने दिल की बात कहने की अपने दिल के जज़्बात कहने की वो खवाहिश फिर से खत्म कर दी ये दिल की फ़रमाइश पूरी ना हो सकी और फिर से मेरी बात अधूरी रह गयी
– मनोहर मिश्रा
Aaj fir humari nazare mili Vo mujhe dekhkar muskurane lagi Uske hotho ki hasi mujhe bhane lagi Mujhe laga ki aaj apne dil ki baat keh dunga Jo hoga usse sach maan aage badh lunga Magar usse kisi or se pyar tha Vo to kisi or pe marti thi or Mai uske lye sirf uska ek yaar tha Mere dil me uske lye sirf or sirf pyar tha Islye meri himmat fir se haar gayi Usse apne dil ki baat kehne ki Apne dil ke jazbaat kehne ki Vo khawahish fir se khatm kar di Ye dil ki farmaish puri na ho saki Or Phir se meri baat adhuri reh gayi
आई फ़ोन है उसके पास
जीन्स उसकी लेविस स्ट्रॉस
लिपस्टिक और मेकप पोत कर
निकलती घर से सज-धज कर
मुझको वो खूब थी भा गयी
जब से देखा नींद उड़ गयी
मैंने भेजा फ्रेंड रिक्वेस्ट
कर दिया उसने वो रिजेक्ट
उससे बात कैसे बढ़ाऊँ
कुछ मैं ये समझ न पाऊं
क्या उसको भेजूं गुलाब
या दे दूँ कोई रोचक किताब
रोज़ हूँ मैं सोचता रह जाता
दिल की बात बता न पाता
-अनुष्का सूरी