July 3, 2014.Reading time 2 minutes.
राहत के कुछ पल मैं तेरे चरणों में पाता हूँ आके तेरे द्वार पे सारे गम भूल जाता हूँ रहती ना कोई ख्वाहिश मेरी ना मन में कोई इच्छा आंसू की बस बहती धारा निर्मल है ये मन मेरा शब्दों का ना कोई जाल है ना बोली की पहचान बिन कहे मेरे मन को जाना […]
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June 24, 2014.Reading time less than 1 minute.
मोहक सी मुस्कान सजाए, श्याम रंग मोहे चढ़ता जाये, गीत मधुर जमुना तट पे मुरली कोई मधुर बजाए, ऐसा श्याम रंग मोहे कान्हा हर पल दिल को भाता जाए, कभी ब्रज में नाच दिखाए, कभी गोपियों संग रास रचाए, कभी नटखट वो माखन चुराए, यशोदा का वो नन्दलाला श्याम रंग मोहे भाता जाए, कभी मुकुट […]
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