Holi Poem for Her-Bura Na Maano Holi Hai

बुरा ना मनो होली है (कविता का शीर्षक) निकलेंगे घर से शरबत और चिल्लम चूम के खेलेंगे होली घूम-घूम के बजाके डी जे तेरे संग लगाएंगे ठुमके लगाके दो पेग तेरे संग झूमना है तेरे गोरे गालों में रंग लगाके तेरे रसीले होठों को चूमना है रंग पिचकारी से रंगीन हो गयी तेरी चोली है […]

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Sad Love Poem on Holi-Phir Holi Agayi

फिर होली आ गयी (कविता का शीर्षक) लाल गुलाबी रंग से रंगी थी तू मेरे दिल पर छा गई बहुत याद सता रही है सनम आज फिरसे होली आ गयी हाथों में रंग गुलाल लिए हम दोनो घूमते थे सारा जहान नसीब ने खेल खेला कुछ ऐसा आज तूम कहाँ हम कहाँ तेरी याद मुझे […]

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Hindi poem on Holi Festival – इश्क़ रंग चढ़ा

रंगो का कोई रंग चढ़ा इश्क़ रंग मुझे आज चढ़ा धूप हुई गुलाबी सी फाल्गुनी छठा में मैं घुला रंगो का कोई रंग चढ़ा होली के सब रंग मिले तुझमें ही तो तो सब घुले इश्क़ में सजा गुलाबी था मोहबत सा रंग लाल लगा पीला तो मुस्कान बना हरे में तू खूब सजा रंगो […]

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