June 7, 2017.Reading time 1 minute.
जीवन को मेरे तूने महकाया है ऐसे, खुशबू से गुलिस्तां महकता हो जैसे। हर जन्म रहे साथ बस तेरा, सागर में पानी रहता हो जैसे। बांहों में भर कर आगोश में ले लो, सीप में मोती रमता हो जैसे। छुपा लो दिन के किसी कोने में, आँखों में कोई ख्वाब बसता हो जैसे। तेरी जुदाई […]
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January 6, 2015.Reading time 1 minute.
तेरी यादों में जीने लगी हूँ तेरे गीतों को सुनने लगी हूँ इस मीठी सी ठंड में आँखें नॅम होने लगी हैं तेरी याद में नींदें खोने लगी लगी है जब देखा दूर चमकते तारे को उसकी चमक देख तेरी याद आई जब देखा उपर खुले आसमान को तेरी बाहों की याद आई. जब बैठी नदी किनारे बहते […]
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December 31, 2014.Reading time 1 minute.
फूलों की खुश्बू चाँद सा निखार जीने की आरज़ू अपनों से प्यार सोचता था तुझे कल भी यूँ ही और आलम देखो आज भी खोया हूँ यूँ ही बस तेरे खयालों में आज भी मैं बहुत बार सोचा दिल की बात कह दूँ दिल में जो बातें हैं तुझको बता दूँ लेकिन डरता हूँ कहीं […]
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December 27, 2014.Reading time 1 minute.
मेरी अधूरी आस दिल आज कल मेरी सुनता नहीं, मैं क्या करूं वो मानता नहीं, कुछ हो रहा है जाने ना, क्या करूं दिल माने ना तेरी यादों में दिन रात खोता है, ये दिल दीवाना पल पल होता है, तेरे खयालों में ही दिन रात हैं बीते, सुबह शाम करें बस तेरी बातें, रातों […]
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December 26, 2014.Reading time less than 1 minute.
इंतज़ार-आखिर कब तक? अनजानी राहों पे इंतज़ार किया करती हूँ, हज़ारों की भीड़ में बस तुझे तलाश किया करती हूँ, कुछ पल के लिये तो ये राहें भी साथ देती हैं, थोड़ा चलके साथ आगे तन्हा छोड़ देती हैं, आंसू जब भी आते हैं मेरी आँखों में, मेरी नज़रें बस तेरा दामन तलाश करती हैं, […]
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December 25, 2014.Reading time less than 1 minute.
फूलों की खुश्बू आँखों में जादू मीठी बातें हंसी मुलाकातें तुम ही कहो तुमको क्यों ना चाहें? सुबह शाम सोचें ये मीठी बातें ये हंसी मुलाकातें क्यों ना इनको रोज़ की आदत बना लें? अगर हौंसला दो तो कुछ कहना चाहें मान जाओ जो तुम तो तुम्हें अपना बना लें? साथ रहेंगे एक दूजे के बन के क्यों ना इस सपने को हक़ीक़त बना लें -अनुष्का सूरी
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December 23, 2014.Reading time 1 minute.
तेरे न होने की मुझे फिकर तो है, मेरी ज़ुबाँ पर तेरा ज़िकर तो है, ढूँढता हूँ तुम्हे मैं बीती हुई यादों में , उन चन्द लम्हों की मुलाकातों में , कैसे कहुँ तुमसे वो सारी बातें, बेरुखी सी हो गई है अब हालतें, किस हद तक तेरा इंतेजार करता हूँ, अपनी साँसो को हर-पल बेक़रार करता हूँ, तुमसे खफ़ा होना मुझे आता नहीं, बिन देखे तुम्हे […]
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December 22, 2014.Reading time 1 minute.
अनदेखा अनजाना ख्वाबों में सजा ख्वाब आज हकीकत हो गया, दिल में था जो हमनशीं सामने आ गया, कुछ बातें वो कहने लगा, कुछ बातें मैं सुनने लगी, हर बात उसकी अच्छी लगने लगी, थी जो अधूरी दास्तां मेरी ज़िंदगी की वो अनकही सी दास्तां आज पूरी सी लगने लगी, प्यार् भरी नज़रो से वो […]
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August 25, 2014.Reading time 1 minute.
कविता से मुलाकात हो गयी तन्हा मेरी ज़िंदगी में ख्वाबों की बरसात हो गयी, एक दिन था अकेला, कविता से मुलाकात हो गयी, कुछ वो मुझसे कहने लगी कुछ मैं उसे कहने लगा, एक अनजाने अपने पहलू से मीठी कुछ बात हो गयी, वो मेरे शब्दों में घुल गयी कविता बन के ज़िंदगी की कहानी […]
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August 24, 2014.Reading time 1 minute.
उनकी खूबसूरती पे हज़ारों ग़ज़ल लिख गया, उन्हें खूबसूरती का बेपनाह ताज कह गया, संगमरमर से खूबसूरत है हुस्न जिनका, उनके हुस्न को अजंता की मूरत लिख गया, उनकी खूबसूरती पे हज़ारों ग़ज़ल लिख गया, उनके जिस्म की खुश्बू मेरी रूह में बस गयी, उनकी प्यारी छवि मेरे दिल में उतर गयी, पायल छनकती आई […]
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August 20, 2014.Reading time 1 minute.
एक जिस्म दो जान वो मुझमें इस कदर ज़िंदा है कि अब मरने का भी डर नहीं है मुझको, कि इस एक जिस्म में दो जान कैसे रहेंगे, अब तो चाहत है मर जाने दो मुझको. दिल में बसाकर रखा है उसे, डरता हूँ कि मेरी कोई टीस ना चुभे उसको, इस एक जिस्म में […]
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August 19, 2014.Reading time 1 minute.
अंजानी सी है वो, कोई हकीकत या कोई सपना, है प्यारी सी ग़ज़ल वो, या कविता सा कोई अपना, गीत है दिलों का, या चांदनी से सजी कोई रात, वो मुस्कुराहट है चहरे की या भीगी हुई बारिश का साथ, प्यार से सजा कोई गीत है या दो दिलों के मिलने का अंदाज़, रंग है […]
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February 16, 2014.Reading time less than 1 minute.
सोचता हूँ कुछ लफ्ज़ कर दूँ तेरे नाम मैं भी आज लिख दूँ क्यों न तुझे एक पैगाम क्या कहूँ क्या लिखूँ बड़ी उलझन में हूँ मैं यहाँ लफ्ज़ मिलते ही नहीं जो कर दें मेरा दर्दे-दिल बयाँ फिर भी करने चला हूँ मैं मनचला कुछ गुज़ारिश मेरे उपर भी करदे अपने कुछ रहमों करम […]
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