Hindi Love Poem-आँखें बन जायें जब दिल की ज़ुबा

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आँखें बन जायें जब दिल की ज़ुबा

तो कैसे करें दिल की हालत बयान

वो ठंडी रातें वो भीगी बरसातें

वो प्यार में डूबी उसकी भोली बातें

वो उसका रुक रुक कर धीरे धीरे चलना

और उसको आता हुआ देख इस दिल का मचलना

काश कुछ बदल जाये अपनी भी ये तकदीर

बनूं मैं उसका रांझा और वो मेरी हीर

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Writer, Marketer, Singer, Motivator, Educator, Poet, Blogger, Author, Editor, Researcher who is following her passion in life.

5 thoughts on “Hindi Love Poem-आँखें बन जायें जब दिल की ज़ुबा

  1. ऐ दिल ! तू फिर
    मुस्कुराया है ……………..
    है कुछ अपनी बात, या फिर
    उनकी बात कहने आया है
    बता दिल तू फिर
    क्यों मुस्कुराया है ?
    सियासी दौर मैं अब तो कुछ नजरों ने
    भी डराया है
    है कोई प्रेम आमंत्रण या फिर
    किसी ने प्रेम जाल बिछाया है
    बता मेरे दिल! तू
    क्यों मुस्कुराया है …………….?
    आज फिर महफ़िल में लोगो ने
    चर्चा बनाया है
    शायद किसी बेवफा ने उन्हें खूब
    हंसाया है
    पर तुझे क्या मिला दिल जो तू
    इतना मुस्कुराया है
    सच बता मेरे दिल! तू
    क्यों मुस्कुराया है …………….?
    ये किसी के आने कि आहट
    है ,या किसी को पाने कि चाहत है
    सवाल सैकड़ों हैं जिंदगी के जिसने तुझे
    इतना सताया है
    बता मेरे दिल फिर भी तू क्यूँ
    मुस्कुराया है …….?
    तू है ही जिद्दी ,जिसने तुझे
    इतना रुलाया है फिर भी तू उसी से
    मिलने आया है
    तुझे देखकर तो शहर भी हैरान है,शायद
    किसी ने ये सवाल उठाया है ……..
    जिस शख्स ने इतना जख्म दिया ,तू
    फिर क्यों उसी के जख्मों को धोने
    आया है,
    वाह मेरे दिल ! ,अब मालूम है मुझे तू
    क्यों मुस्कुराया है
    शायद फिर से तुझे कोई अपना बनाने
    आया है
    संभल जा मेरे दिल !शायद तू अंतिम
    बार मुस्कुराया ह

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