क्या बताऊँ कैसे सुनाऊँ किस हाल में हूँ
तेरे साथ तो आकाश में था आज पाताल में हूँ
तुझ बिन कटते नहीं दिन ना कटती हैं रात
मुझे याद आती हैं तेरी प्यारी सी मीठी मीठी बातें
तुझको पाकर के खुल गये थे अपने नसीब
पर तुझको खोकर हो गया मैं आज फिर गरीब
हर पल इस दिल को रेहता है बस तेरा इंतज़ार
आके मिलजा मुझसे कि अब ये दिल है बेकरार