रूठूँ जो तुमसे मुझे मना लेना
दूर अगर हो जाऊँ तो मुझे बुला लेना
दिल दिया है तुमको नाज़ुक मेरा हाये
देखो संभालना ज़रा कहीं गिर न ये जाये
फूलो से खुश्बू लेना तुम
पंछियो के पंख मन को लगा लेना
तुमसे बहुत मोहब्बत करते हैं हम
कहीं कभी हमको न भुला देना
रोज़ मिलना मुझसे बनकर मेरी हमसफर
साथ में चलना मेरे मिलाकर हर कदम हर डगर
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