
मेरे दिल की अावाज़ है तू
प्रेम के सुर का साज़ है तू
अांखो से छलकती बरसात है तू
होठों से अनकही बात है तू
औरों के लिए होगी तू अप्सरा
मेरे लिए तो मुमताज़ है तू
दिल कहता है मेरा
तुझको दिल से पुकारूं
कभी तेरी जुल्फों से खेलूं
कभी तेरे बिखरे बाल सवारूं
कभी तुझको छू लूँ
कभी तुझको पा लूँ
कभी तुझको पूजूं
कभी तुझको चाहूँ
कभी यूँ ही मैं तुझको
अपना बना लूँ
-अनुष्का सूरी
I like this poem so mich
Its really nice one for my love…
#nice
achha laga pad kar…
i like this poem
beautiful poem
Bekar h