मेरे दिल की अावाज़ है तू प्रेम के सुर का साज़ है तू अांखो से छलकती बरसात है तू होठों से अनकही बात है तू औरों के लिए होगी तू अप्सरा मेरे लिए तो मुमताज़ है तू दिल कहता है मेरा तुझको दिल से पुकारूं कभी तेरी जुल्फों से खेलूं कभी तेरे बिखरे बाल सवारूं […]
धूल जमी डायरी के कुछ पन्ने जो खोले, तेरी यादो के सिलसिले फिर काबिज़ हो गए, पलटता रहा पन्ने और फिर बहने लगा जज्बातों का समुंद्र जो कभी हिलोरे लेता था मुझमे, भले ही बेजान खामोश सी हो गयी थी वो लहरे कुछ लम्हात के लिए, पर यकीन मान एक तूफ़ान तेरी यादो का हर […]
माही मेरे इश्क़ को ना समझे मेरा यार, गहरा बहुत है दिल मे मेरे आज तेरा प्यार, तुझमे ही मैं खोई रहती,तुझको ही मैं सोचती, सारी दुनिया बोलती जोगन बनी मैं यार, मेरे दिल की सबने जानी पर वो वाबरा अंजान है, वही कुछ नहीं जनता जिसे करूँ मैं प्यार, जिसको सोचके हँसती हूँ,जिसमें ही […]
प्यार का पता नहीं की वो क्या होता है। पर जब हम मिलते हैं एक अजनबी से तो सब कुछ बदल जाता है। उसकी छोटी छोटी बाते बहुत हँसाती हैं। और दिल है की एक खुद की ही दुनिया बसा लेता है। शायद किसी अजनबी का साथ जो दिल को अच्छा लगने लगे वही प्यार […]
कुछ खो के लिखा कुछ पा के लिखा हमने इस कलम को अक्सर आँसुओं में डुबो के लिखा कभी मिली नसीहत कभी वाह-वाही मिली हमने अपने ग़मों को अक्सर शब्दों में संजो के लिखा – गीतेश बॉस
कह दूँ आज सारी दिल की बाते तू अच्छी लगती है तेरी बाते अच्छी लगती है तेरा रोना अच्छा लगता है तेरा हँसना अच्छा लगता है तेरा चलना अच्छा लगता है तेरी गाली अच्छी लगती है तेरा देखना अच्छा लगता है तेरी नराजगी भी अच्छी लगती है तेरी सूरत अच्छी लगती है तेरी मुस्कान अच्छी […]
एक वॅलिंटाइन की रात, वो मेरे दिल के पास, आँखों से आँखों ki होने लगी बात, तेरे पास फिर मैं आया गोद में तुझे उठाया, तेरी ज़ुल्फ़ों को अपने हाथों से मैने सजाया, फिर बैठ के तेरे सामने कही दिल की बात इस वॅलिंटाइन की रात मेरी प्रिन्सेस तुम हो बहुत खास, सोचा तुमको आज […]
तेरी यादों में जीने लगी हूँ तेरे गीतों को सुनने लगी हूँ इस मीठी सी ठंड में आँखें नॅम होने लगी हैं तेरी याद में नींदें खोने लगी लगी है जब देखा दूर चमकते तारे को उसकी चमक देख तेरी याद आई जब देखा उपर खुले आसमान को तेरी बाहों की याद आई. जब बैठी नदी किनारे बहते […]
एक ग़ज़ल लिखी तेरे पहलू में तेरी आँखों को यूँ देख के, कि इनमें छुपा है प्यार बस मेरे लिये मेरे लिये, एक ग़ज़ल लिखी तेरे पहलू में तेरी आँखों को यूँ देख के, कि पहलू में तेरे बैठ के, तेरी ज़ुल्फ़ों से यूँ खेल के, बस दिल से मैं लिखता रहा, तुझे सोचते बस […]
December 26, 2014.Reading time less than 1 minute.
इंतज़ार-आखिर कब तक? अनजानी राहों पे इंतज़ार किया करती हूँ, हज़ारों की भीड़ में बस तुझे तलाश किया करती हूँ, कुछ पल के लिये तो ये राहें भी साथ देती हैं, थोड़ा चलके साथ आगे तन्हा छोड़ देती हैं, आंसू जब भी आते हैं मेरी आँखों में, मेरी नज़रें बस तेरा दामन तलाश करती हैं, […]
छोटी छोटी बातों पे हंसी उसको आती नहीं, धीमे धीमे प्यार से वो मुस्कुराती नहीं, क्या करूँ मैं? उसको हसाऊँ या खुद रो पड़ूँ मैं? उसे मुस्कुराहट का मतलब किन लफ़्ज़ों में समझाऊँ मैं.. -कविता परमार Choti choti baton pe hansi usko aati nahin, Dheeme dheeme pyar se wo muskurati nahin, Kya karoon main? Usko […]
December 26, 2014.Reading time less than 1 minute.
हाय तेरी आँखें जिसमे सुंदर संसार नजर आता है। होंगी उज्जवल हिरणी की आँखे, पर उसमे विस्मय, तुझमें विश्वास नज़र आता है। हाय तेरी आँखें, जो मुझे मेरी मंजिल दिखाती हैं। बर्फ की धवल कुंडो में, नीली जल राशि, जीवन संघर्ष विस्मृत कर, मन मदमस्त कर जाती हैं। हाय तेरी आँखें, ऐसा प्रेमपाश छोड़ देती […]
मेरा क्या कसूर निगाहें तेरी कातिलाना हैं इस में मेरा क्या कसूर? खूबसूरत तू बेपनाह है दीवाना मैं हो रहा हूँ इस में मेरा क्या कसूर? देखती हो जिस अदा से मुझको प्यार तुमसे करने लगा हूँ अपनी निगाहों को तुझे देखने से रोक ना पाऊँ इस में मेरा क्या कसूर? दिल कहता है कहीं […]
वक़्त ये धार बनके बह जायेगा, राइट की तरह ये पल भी फिसल जायेगा, जीटा रहा है खुद के लिये, कब अपने आप को जान पायेगा, मंज़िल नहीं है तेरी ये दुनिया की झूठी चमक, तेरी तो राह है मन की थोड़ी सी शांती, कब ये मान पायेगा, भीड़ में तू खो गया है, खुद […]