हाँ मुझे तुमसे ही प्यार है,
हाँ मुझे तुमसे ही प्यार है,
पर तुम कहाँ हो, मुझे तुम्हारा अभी तक इंतज़ार है,
हाँ मुझे तुमसे ही प्यार है,
कभी सपनो से बाहर भी आया करो,
मुझे अपनी अदा से तड़पाया करो,
किस कदर तुम्हारा मुझ पर खुमार है,
हाँ मुझे तुमसे ही प्यार है,
हाँ मुझे तुम से प्यार है,
तुम झरने सी चंचल, तुम पर्वत सी सुन्दर,
करती हो हर पल, तुम पायल सी छन-छन,
तुम्हारी मोरनी सी चल का अब तक मुझे इंतज़ार है,
हाँ कहता हूँ फिर से मुझे तुम से प्यार है,
अब तो आजाओ मेरे सपनो से बाहर,
इस दुनिया को भी तुम्हारी झलक का इंतज़ार है,
हाँ मुझे तुमसे ही प्यार है,
हाँ मुझे तुमसे ही प्यार है
-सत्यम राजा
thank you every one
Beautiful poetry
thank you very much
I love you to
Very nice
दिल की गहराई में देखो तुम्हारा ही खूमार है । हाँ मुझे तूमसे प्यार है
Please
too much lovely poem.. i like it so much.
superb