
वक़्त के दायरो में हम यूं ही पिघल जायेंगे,
दूर ही सही पर हर पल तुम्हें याद आयेंगे,
कभी वक़्त के पन्नों को पलट के आप सोचेंगे
मेरी लिखी हर कविता में खुद को आप पायेंगे,
मिले थे आप जिसे बन के अजनबी,
वही तो हैं हम जो दिल के पास हो जायेंगे,
हम तो हर वक़्त रहेंगे आपके साथ कविता बन के
वक़्त के साथ ना समझना हमें बेवफा,
जब भी बुलाओगे दिल से हमें
आपकी आँखों को छुपाये अपने हाथों से हम ही मुस्कुरायेंगे,
जब भी याद करोगे दिल से हमें
आँखों से आंसू बन के हम छलक जायेंगे
-कविता परमार
dil ko chu gayi aap ki love poem. thanx 2u
Very nice
Isha Sharvani
NICE N HEART TOUCHING..
Wonderful “POEM PARMAR”