
यूँ तो हज़ारों सवाल करती हैं तेरी आँखें
मैं जवाब ना दे पाता हूँ
समझता हूँ सब कुछ
पर दिल को ना समझा पाता हूँ
देखता हूँ तुझको सिर्फ इसीलिये
कि तेरे चहरे पर हंसी बन के बस जाऊँ
ना बस पाऊँ अगर प्यार बनके तेरी पलकों पे
तो चहरे पर हँसी बनके खिल जाऊँ
तू तो खुद खोई है कहीं
अपने आप में खुद को तलाश करती है
पर ये मेरा दिल इतना पागल है तेरे प्यार में
कि ये तो बस तेरे चहरे की मुस्कान चाहता है
इंतज़ार मुझको भी है तेरी मुस्कान का
जानता है ये दिल मेरा
कि एक दिन तू फिर से मुस्कुराएगी
हँसेगी मेरे साथ जी भर के मुस्कुराएगी
बरसों में छुपे
मेरे प्यार के इंतज़ार को समझ पायेगी
मैं जवाब ना दे पाता हूँ
समझता हूँ सब कुछ
पर दिल को ना समझा पाता हूँ
देखता हूँ तुझको सिर्फ इसीलिये
कि तेरे चहरे पर हंसी बन के बस जाऊँ
ना बस पाऊँ अगर प्यार बनके तेरी पलकों पे
तो चहरे पर हँसी बनके खिल जाऊँ
तू तो खुद खोई है कहीं
अपने आप में खुद को तलाश करती है
पर ये मेरा दिल इतना पागल है तेरे प्यार में
कि ये तो बस तेरे चहरे की मुस्कान चाहता है
इंतज़ार मुझको भी है तेरी मुस्कान का
जानता है ये दिल मेरा
कि एक दिन तू फिर से मुस्कुराएगी
हँसेगी मेरे साथ जी भर के मुस्कुराएगी
बरसों में छुपे
मेरे प्यार के इंतज़ार को समझ पायेगी
-गौरव
No Idea how to read it, but there something very beautiful about non-western typography.
Here is how you can read it:
Yu to hazaro sawaal karti hai teri akhein
Mai jawab na de pata hoo
Samajhta hoo sab kuch
Par dil ko na samjha pata hoo
Dekhta hoo tujhko sirf isiliye
Ki tere chehre par hasi ban ke bas jaoon
Na bas pa-oon agar pyar ban ke teri palko pay
To chehre par hassi ban ke khil jaoon
Tu to khud khoyi hai kahi
Apne aap mei khud ko talaash karti hai
Par ye mera dil itna pagal hai tere pyar mei
Ki ye to bas tere chehre ki muskaan chahta hai
Intzar mujhko bhi hai teri muskaan ka
Janta hai ye dil mera
Ki ek din tu phir se muskurayegi
Barso mei chupay
Mere pyar ke intzar ko samajh payegi
thanks.ab sayad wo smajh paye