मैं जवाब ना दे पाता हूँ
समझता हूँ सब कुछ
पर दिल को ना समझा पाता हूँ
देखता हूँ तुझको सिर्फ इसीलिये
कि तेरे चहरे पर हंसी बन के बस जाऊँ
ना बस पाऊँ अगर प्यार बनके तेरी पलकों पे
तो चहरे पर हँसी बनके खिल जाऊँ
तू तो खुद खोई है कहीं
अपने आप में खुद को तलाश करती है
पर ये मेरा दिल इतना पागल है तेरे प्यार में
कि ये तो बस तेरे चहरे की मुस्कान चाहता है
इंतज़ार मुझको भी है तेरी मुस्कान का
जानता है ये दिल मेरा
कि एक दिन तू फिर से मुस्कुराएगी
हँसेगी मेरे साथ जी भर के मुस्कुराएगी
बरसों में छुपे
मेरे प्यार के इंतज़ार को समझ पायेगी