तेरी आंखें हैं या जाम-हिंदी कविता
तेरी आंखें हैं या जाम का प्याला
बिना पिलाये नशे में कर डाला
तेरी जुल्फें हैं या जंगल के घेरे
इन में गुम हो कर हम हो गए तेरे
तेरे होठ हैं या रस मलाई
इनको चख लो तो क्या है मिठाई
तुझसे मिलने की ही रहती है दिल में आस
बस तू रहना अब मेरे ही पास