हिंदी कविता – दिल ही दिल में
दिल ही दिल में तुमको है चाहा
दिल के शीशे में तुमको सराहा
दिल ही दिल में कर ली मोहब्बत
तौबा जी तौबा कैसी ये आफत
दिल ही दिल में तेरी ये सूरत
समां गयी दिल में बिना कोई आहट
दिल ही दिल में होती है बातें
कब आयेंगी अब प्यार भरी रातें
दिल ही दिल में तुझको पुकारा
आजा ये लेजा दिल है तुम्हारा