
ज़िन्दगी में सिर्फ बेवफाई देखी, हमने महफ़िल में सिर्फ तनहाई देखी
वफ़ाओं का मेरी जो सिला दे, मै वो इश्क़ तलाश करता हूं,
ये ज़ख्म जो मिले गहरे हैं बहुत, मेरी खुशियों पे गमों के पहरे हैं बहुत
दर्द को मेरे जो मिटा दे, मैं वो शिफा तलाश करता हूं,
रिश्तों की कश्मकश में उलझा ऐसे, खुद को ही खुद से खो दिया जैसे
वजूद को मेरे जो मुझसे मिला दे, मैं वो आईना तलाश करता हूं,
इबादत को कभी ना छोड़ा हमने, अपने अक़ीदे को ना कभी तोड़ा हमने
जन्नत जो मुझे दिला दे, मैं वो खुदा तलाश करता हूं,
हर अल्फ़ाज़ को जताने की कोशिश है, हर जज़्बात को बताने की कोशिश है
इस बज़्म को जो एहसास करा दे, मैं वो नज़्म तालाश करता हूं
(अरमान )
nice lines you have created..Amazing
Bohot sundar likhte ho aap,
These are great deep mesmerizing lines… you write beautiful
By the way
https://savouringlucidity.wordpress.com/2020/05/02/cart-of-delightful-memories/#more-112
My new poem
It’s about a beautiful moment between two human being, And how it ended..
Its on broken friendship or relationship destined to be separated but the memories worth remembering
बहुत अच्छा लिखा है आपने..👌👌