October 14, 2020.Reading time 2 minutes.
ऐसा लगाक्यों ऐसा लगा मैंने उसे देखाक्यों ऐसा लगा मैंने उसे सोचारातें ये दिनसिर्फ उसकी यादों मेंखोए रहते हैंपर इक खामोशी की चादर मेंछुपकर सोए रहते हैंन दिखाते हैं चेहरा अपनाआंसू भी इनकीआँखों में ख्वाब पिरोए रहते हैंआज उसकी यादें कुछ कहना चाहती हैंमरे इन सपनों को अपना बनाना चाहती हैंहो सकता है देख रहा […]
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April 15, 2020.Reading time 1 minute.
ज़िन्दगी में सिर्फ बेवफाई देखी, हमने महफ़िल में सिर्फ तनहाई देखीवफ़ाओं का मेरी जो सिला दे, मै वो इश्क़ तलाश करता हूं, ये ज़ख्म जो मिले गहरे हैं बहुत, मेरी खुशियों पे गमों के पहरे हैं बहुतदर्द को मेरे जो मिटा दे, मैं वो शिफा तलाश करता हूं, रिश्तों की कश्मकश में उलझा ऐसे, खुद […]
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March 15, 2020.Reading time 5 minutes.
तुम्हारी याद दिल से जाती नहीं (कविता का शीर्षक) तुम से मिलने की आशा बहुत है मगर,तुम से मिलने कि रुत है कि आती नहीं|करूँ कितनी भी कोशिश दिल बहलाने की मगर,एक तेरी याद दिल से है कि जाती नहीं || प्रेम कि राह में मुझको ले चली|वो हाथ पकड़ के अपनी गली||मैं तो चलता […]
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June 10, 2019.Reading time 1 minute.
दिल किसी का तोड़ना मत प्यार सच्चा झूठा करना मत,कभी भी दिल किसी का तोड़ना मततोड़ना मत दिल नाज़ुक होता है तोउसे तोड़ना मत दिल कोई खेल का मैदान नहींउसपे प्यार का खेल खेलना मत चाहते हो तुम किसी को दिल से तो उसकी आँखों में आँसू लाना मत कभी भी दिल किसी का तोड़ना […]
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December 6, 2016.Reading time less than 1 minute.
प्यार कितना है तमसे ये छुपाऊँ कैसे दर्द इतना है दिल में आँसू रोक पाऊँ कैसे तुमको देखा है जब से खो गई हूँ मैं तब से तुमको जानने की तलब दिल से मिटाऊँ कैसे प्यार कितना है तुमसे ये छुपाऊँ कैसे -अनुष्का सूरी Pyar kitna hai tumse Ye chupau kaise Dard itna hai dil […]
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December 5, 2016.Reading time 1 minute.
काँटे क़िस्मत में हो तो बहारें आये कैसे जो नहीं बस में हो उसकी चाहत घटाये कैसे सूरज जो चढ़ता है करते है उसको सब सलाम ढूबते सूरज को भला ख़िदमत हम दिलायें कैसे वो तो नादान है समंद्र को समझते है तालाब कितनी गहराई है साहिल से बताये कैसे दिल की बातें है दिल […]
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November 14, 2015.Reading time less than 1 minute.
रोने दे कुछ पल मुझको ये आंसू अच्छे लगते हैँ कभी कभी ये गम के बादल भी कुछ अपने लगते हैं हँसना मेरा सबने देखा जो मेरी पहचान है पर छुप छुप के हूँ कितना रोया इस बात से सब अनजान हैं रात की छाया ले आई जब तन्हाई उदासी सी कुछ उमड़ आई सहसा […]
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September 14, 2015.Reading time 2 minutes.
मैं और मेरी तन्हाई बैठे थे आज… और हो रही थी मेरे प्यार की बात… तन्हाई ने कहा कैसा प्यार है तेरा… जो आज तक है उसने मुंह फेरा… मैं था चुप और इस से तन्हाई थी हैरान… मैं था शांत और इस से तन्हाई थी परेशान… तन्हाई ने कहा क्या मिला तुझे प्यार में… […]
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February 9, 2015.Reading time less than 1 minute.
बेवफ़ा कहेंगे उनको ये कभी सोचा ना था दर्द के दरिया में अकेले डूबना चाहा ना था कौन कहता बसर है दिल की चाहत में खुदा हमने जिसको चाहा था दिल से वो ही निकला बेवफ़ा वही गलियां वही राहें वही सूनी सूनी निगाहें क्या पता दिल का किसी को कब बेगाना हो जाएगा दिल […]
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December 23, 2014.Reading time 1 minute.
तेरे न होने की मुझे फिकर तो है, मेरी ज़ुबाँ पर तेरा ज़िकर तो है, ढूँढता हूँ तुम्हे मैं बीती हुई यादों में , उन चन्द लम्हों की मुलाकातों में , कैसे कहुँ तुमसे वो सारी बातें, बेरुखी सी हो गई है अब हालतें, किस हद तक तेरा इंतेजार करता हूँ, अपनी साँसो को हर-पल बेक़रार करता हूँ, तुमसे खफ़ा होना मुझे आता नहीं, बिन देखे तुम्हे […]
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June 12, 2014.Reading time 1 minute.
हंसना भुला दिया तेरी इस जुदाई ने, रोना सिखा दिया तेरी इस जुदाई ने, सोचती रही हर पल हर घड़ी तेरे बारे में, तेरी इन यादों ने आंसू दे दिये, तेरी जुदाई में इस कदर शामिल हो गयी कि मेरे होठों की मुस्कान ले गयी, मुस्कान की जो वजह कभी देते थे तुम, तुम ही […]
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May 17, 2014.Reading time 1 minute.
गम में जीने को कहता है ये दिल, हमेशा तुझे महसूस करता है ये दिल, तेरी याद में रुलाता है ये गम, तेरी खुशी में हँसाता है ये गम, नासमझ बना देता है मुझे ये गम, समझती है सिर्फ तू मुझे is गम में, जिस दिन मैने तुझे दिया ये गम, उस रात आँखें हुई […]
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May 16, 2014.Reading time 2 minutes.
क्यों इतना दर्द सहना पड़ता है? क्यों रास्ते पर चलो तो कोई छेड़ देता है? घर पर बैठो तो पति हाथ मरोड़ देता है, किस से बताऊँ मैं अपना दर्द, अपने तो सपने से लगते है, कभी हाथ उठाते है, कभी शब्दों से ही मार देते है, क्यों इतना दर्द सहना पड़ता है? देखा था […]
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April 22, 2014.Reading time 5 minutes.
बीत गये दिन बीत गये लम्हे बीत गये कई साल पर मेरी यादों में बसते हैं अब भी तेरे खयाल याद है मुझे वो तेरी मुलाक़ात आया था अजनबी बनके लगता था फिर भी अपना सा रिश्ता ना था तुझसे कोई फिर भी लगता था पहचाना सा धीरे धीरे वो दो दिन की मुलाक़ात दोस्ती […]
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