मुझसे दूर है तू पर तेरी याद साथ है
कुछ कही कुछ अनकही बातें आज भी मुझे याद है
कुछ इस कदर दूर चले गए हो तुम
जैसे कुम्भ के मेले में हो गए हो गुम
मेरी कोशिश तुझे पाने की है और वही पहले भी थी
मैं आज भी वहीँ खड़ा हूँ जहाँ तू छोड़ गयी थी
वक्त बीत रहा है हर लम्हा हर पल
आज भी दर्द है वहाँ जहाँ तूने अँखियों से किया था घायल
आज भी तेरे घर के सामने से गुज़रते हुए तेरे दीदार को तरसता रहता हूँ
पर अब वहां नहीं रहती तू मैं पागल ये भी भूल बैठा हूँ
जहां भी है तू खुश रहे तेरा अच्छे से दिल लगे
हम मर भी जाएँ तो भगवान करे तुझे खबर भी न लगे
तेरे दिखाए हुए सपनो को मैं आज भी अकेले जी लेता हूँ
तेरे दिए हुए ज़ख्मों को कुरेद के फिर से सी लेता हूँ
कभी न कभी तो तुम मुझे याद करोगे
हमसे मिलना है ये तुम खुद से बात करोगे
तुम जब कभी मुझसे मिलने आओगे
तब तुम हमको शायद वहाँ नहीं पाओगे
तब तुम लोगों से पूछोगे यहां अन्नू रहता था
वो कहेंगे वही जो सारा दिन उस सामने वाले घर की तरफ देखता रहता था
तब तुम्हें भी होश आएगा की अब वो दुनिया से चला गया
आजतक जो आँखें कभी नम ना हुई थी उनमें से पानी बहता गया
तब तुम्हें पता लगेगा की उसने इंतज़ार तो बहुत किया
पर वो भी तो इंसान है जो तेरी याद में ही जिया और तेरी याद में ही मर गया
-अनूप भंडारी
Heart touching lines…
Maine bhi kisi she HD se jyada pyar kiya h, dukh to is bat ka h ki WO bhi us ldki ki trah smajhkr b nasmajh bna hua h,,,, I like ur poem,, keep it up..
Poem – शायरी
एक दिन किसी ने पूछा मुझसे की क्या लिख रहे हो
क्या है ऐसा जो तुम कागज़ पे उतार रहे हो
हिसाब किताब कर रहे हो या किसी सवाल को हल कर रहे हो
लगते हो बड़े मशरूफ इस काया में ऐसा भी क्या कर रहे हो
मैंने कहा लिख नहीं रहा हूँ बस कलम ही पकड़ी है
जो दिल का कुछ दर्द है उसे कागज़ पर उतारने की कोशिश है
ख्वाहिश है की कुछ ऐसा लिख जाऊँ की लोग याद रखें
भूल न जाएं मुझे बस चाहे तो अपनी दुआओं में याद रखें
उसने कहा अच्छा शायरी लिख रहे हो
बड़े काम की चीज़ है ये तो
आसान नहीं है लिखना जानता हूँ पर कहाँ से सीखे हो
कुछ हमें भी बता दो, शायरी करना ही सीखा दो
हम भी कुछ लड़कियों को सुनाएंगे
सुना कर अपनी शायरी उनको पटायेंगे
अब क्या बताऊँ उस नादान को की शायरी सीखी नहीं जाती
ये तो बस अपने आप बन जाती है जब दिल हो जज़्बाती
टूट चूका हो प्यार में जो
शायरी बड़े आराम से कर सकता है वो
क्योंकि ये कोई लेख नहीं जो सोच समझ कर लिखना पड़े
ये तो शायरी है, दिल टूटने पर दर्द-ए-दिल बयाँ करने को कलम खुद बा खुद चल पड़े…