
हसीनों में हसीन फूलों में गुलाब हो तुम
कैसे तुम्हें बताऊँ कितनी लाजवाब हो तुम
काली काली तुम्हारी ज़ुल्फें
खुली हो तो हो जाये दिन में अंधेरा
गोरा चंदन जैसा तुम्हारा चितवन
देख मचल जाये ये दिल मेरा
तुम्हारे मीठे मीठे बोल
सुनने को मन करता है बार बार
ओ प्रिया अब कह भी दो
तुमको भी है न मुझसे प्यार