इतनी सुन्दर हो तुम जैसे हो कोई खिला गुलाब
इतनी नाज़ुक कि हो कोई रुई की किताब
प्यारी प्यारी है तुम्हारी मीठी बातें
तुम्हारे साथ बीतें अब मेरे दिन और रातें
तुमसे मिलकर पता कुछ यूँ चला
जैसे कोई प्यासे को पानी हो मिला
तुम्हारी हंसी है खिलते हुए फूल
माफ़ करना हमें जो हो जाये कुछ भूल
जितना भी कहा जाये तुम्हारी तारीफ में है कम
यु ही रोशन रहो तुम दुआ करते हैं हम