कह दूँ आज सारी दिल की बाते
तू अच्छी लगती है
तेरी बाते अच्छी लगती है
तेरा रोना अच्छा लगता है
तेरा हँसना अच्छा लगता है
तेरा चलना अच्छा लगता है
तेरी गाली अच्छी लगती है
तेरा देखना अच्छा लगता है
तेरी नराजगी भी अच्छी लगती है
तेरी सूरत अच्छी लगती है
तेरी मुस्कान अच्छी लगती है
तेरी आँखे अच्छी लगती है
तेरा मारना अच्छा लगता है
तेरा घूरना अच्छा लगता है
तेरी दी हुई चीजें अच्छी लगती है
10 की फटी नोट अच्छी लगती है
तेरे बालो की पीन अच्छा लगता है
तेरा चश्मा अच्छा लगता है
मिर्ची खाकर रोना अच्छा लगता है
सारी चॉकलेट्स अच्छा लगता है
लाइब्रिरी की यादें अच्छी लगती है
तेरी जूती अच्छी लगती है
यहाँ तक तेरी साईकल भी अच्छी लगती है
तेरी गालिया अच्छी लगती है
तेरा सूट भी अच्छा लगता है
तेरे नखरे अच्छे लगते है
तेरी याद मे रोना अच्छा लगता है
तेरा करीब आना अच्छा लगता है
दुरिया को छोड़ बाकी सब अच्छा लगता है
तेरे पास बैठना अच्छा लगता है
तेरे साथ रोना अच्छा लगता है
तेरे साथ हँसना अच्छा लगता है
तेरे साथ चलना अच्छा लगता है
तुज़े मारना अच्छा लगता है
तेरी तड़प अच्छी लगती है
तेरी रन्गत अच्छी लगती है
तुझे डायरी मे लिखना अच्छा लगता है
तेरी तस्वीरे अच्छी लगती है
तेरी गलती अच्छी लगती है
तू सही है अच्छी लगती है
तेरा चिल्लाना अच्छा लगता है
तेरा चुप रहना अच्छा लगता है
तुज़े रुलाना अच्छा लगता है
तुज़े हँसाना अच्छा लगता है
पर इन सब से एक अलग एक और
तेरा गुस्सा
अब तो तेरा गुस्सा भी अच्छा लगता है
वजह ना पूछना यार
बस तुम और सिर्फ तुम अच्छे लगते हो
पागल था या पग्ला गया हूँ मालूम नहीं
गलत था या गलत हू मालूम नहीं
अब और क्या कहूं मैँ
बस तू अच्छी लगती है
तू अच्छी लगती है
और तू ही अच्छी लगती है
– गीतेश बॉस
Kitna tareef karu
Is line ki saheb
Hme to ummid se barh k lag rha
Very very very very very very very very very very very very poem..
Ek no.
Very nice.
thanks a lot every one…..luv uuuhh guys
very nice
Hello
Very good
Bhut bdiya h yr
nice one
Bro thanks yar
verry nice boss
Nice story…
kya poem hai boss, unique !! never seen this kinda poem before
Thanking You