
आज जब वो बहुत दूर है तो
ये बिरह के आंसू थमते ही नहीं
और कहते हैं-बिरह के ये पल
शोलों से चुभ जाते हैं,
याद करके तुझको पल पल
आँखों मैं आंसू लाते हैं,
काँटो सी हैं चुभती रातें,
पल पल आग लगाती हैं,
जलती रहती पल पल
मुझको तेरी याद दिलाती हैं,
खाली सा है ये मन मेरा,
तेरे प्यार को तरसे है,
मंद मंद सी होती साँसें,
सीने में हलचल मचाती हैं,
बोझिल होती मेरी आँखें
गम के आंसू लाती हैं,
ना समझती हो तुम मेरी बातें,
ना समझेंगी अब ये आँखें,
ये तो पल पल आंसू बहायेंगी,
याद तुझे पल पल करके
ये तो रोती जाएंगी,
ये तो रोती जाएंगी
-गौरव
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