Hindi Love Poem-आज फिर

आज फिर ये लम्हा
कुछ रुक कर कुछ कह रहा है..
आज फिर ये समा
एक अजीब कसक सी खामोशी में रह रहा है..
आज फिर ये धड़कन
कुछ तेज़ तो कुछ धीमी है …
आज फिर कदमों से
दूर लगती ये ज़मी है..
आज फिर कोई दिल को
इस कदर सता रहा है..
आज फिर कोई दूर जाने का इशारा करके 
पास बुला रहा है..
आज फिर दिल से 
एक फरियाद आ रही ह़ै 
आज फिर दिल को तेरी
बहुत याद आ रही है …..

-रवि 

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