Hindi love poem on emotions of the heart-दिल के ख्वाब

ये दिल कितना पागल है हर पल तेरे ही ख्वाब ये बुनता है
रहता है मेरे सीने में धड़कन पर तेरी ही सुनता है
कभी अकेले में हंसता है
कभी सामने रखी तेरी तस्वीर से हज़ारों बातें करता है
ये दिल को ना जाने क्या हो गया है
कभी गुदगुदाके तेरे खयालों को याद दिलाता है
कभी सटा के तुझको छेड़ता है
कभी प्यार से मनाके गले लगता है
ये दिल को ना जाने क्या हो गया है
कभी ख्वाहिशों के महल बनता है
रहता है उसमें तेरे साथ प्यार के हज़ारो गीत वो दीवाना दिल तेरे लिये गाता है
ये दिल जैसा भी है नटखट है शैतान है
तेरा है तुझसे प्यार करता है
ये दिल कितना पागल है हर पल तेरे ही ख्वाब ये बुनता है
-गौरव 

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