जब भी तेरी याद आती है
तो आँखें भर आती हैं
अब इन आँसुओं को निकलने से नहीं रोक पाती हूँ
रात रात भर रोती हूँ
फिर अपने आपको समझा भी लेती हूँ
याद आते हैं तेरे साथ बिताये हुए वो पल
याद आता है वो कल
याद आता है वो तेरा हंसता खिलखिलाता चहरा
जिससे मेरी नज़रें नहीं हटती थी
थोड़ा गम था मगर ज़्यादा खुशी थी
तेरी हंसी मेरी हंसी थी
मेरा गम तेरा गम था
अब वही हंसी कहीं खो सी गयी है
क्योंकि मेरा दोस्त मुझसे रूठ सा गया है
मनाना चाहती हूँ मगर मना नहीं पाती हूँ
बात करना चाहती हूँ मगर बात नहीं कर पाती हूँ
मेरी हर सुबह जिससे होती थी
वहीं आज मेरी रातें रोते हुए कटती हैं
उनकी जुदाई हमने बर्दाश्त करनी सीखली है अब
क्यूंकि हमने उनकी यादों के सहारे जीना सीख लिया है अब
जब भी याद तेरी आती है तो आँखें भर आती हैं
-कविता परमार
thank you..
superb…really touching 🙁
Thank you nishtha
bahut acha likha h
On 2/21/14, Hindi Love Poems|Romantic Poems|Hindi Prem Kavita|Shayari