जो बूंद गिरी तेरी ज़ुल्फ़ों से
वो प्यार बनके छा गयी
बरसी मेघों से
कुछ अरमान जगा गयी
भीगते रहे हम तेरी ज़ुल्फ़ों के साये में
वो पल पल ही बरसती रही
घटा इन ज़ुल्फ़ों की छाँव को दिखाती है
लिपटकर मेरे सीने से
दिल में हलचल म़चाती हैं
अब तो अरमान है
बस तेरे प्यार की बारिश से भीग जाऊँ
कहीं दिल से लगा लूँ तेरी धड़कन को
और तेरी धड़कन में समा जाऊँ कहीं
-गौरव