
तेरे लब की लाली तू करदे मेरे नाम
तेरे चाहने वालों में मेरा भी हो नाम
तेरी चाहत में हाये कब आयेगा वो मुक़ाम
जब दिलों ज़ुबां पर होगा बस तेरा ही नाम
छा जायेगी एक खुमारी
दिल में होगी कुछ बेक़रारी
मिला करेंगे हम छुप छुपके
कभी रोज़ और कभी रुक रुक के
बस तेरी ही चाहत में हो जायेंगे बदनाम
चाहे कुछ भी कहो ये इश्क़ नहीं है आसान
तेरे चाहने वालों में मेरा भी हो नाम
तेरी चाहत में हाये कब आयेगा वो मुक़ाम
जब दिलों ज़ुबां पर होगा बस तेरा ही नाम
छा जायेगी एक खुमारी
दिल में होगी कुछ बेक़रारी
मिला करेंगे हम छुप छुपके
कभी रोज़ और कभी रुक रुक के
बस तेरी ही चाहत में हो जायेंगे बदनाम
चाहे कुछ भी कहो ये इश्क़ नहीं है आसान
खूबसूरत कविता लिखी थी.
धन्यवाद
Lajawab kavita hai aap aise hi likhate rahe ………..