May 17, 2020.Reading time 5 minutes.
गलती बेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं,कुछ मेरी भी होगी खामोश रातों में आंखें तेरी भी भीगी होगीयकीन है हमेंतू भी तड़पा होगा भीगी पलकों के साथबीते लम्हों की तुझे भी याद आयी होगीबेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं,कुछ मेरी भी होगी वो रातों की कुछ शरारतेंजिस में अक्सर नींदें खो जाया करती थीबेशक तुझे भी याद […]
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February 26, 2020.Reading time 3 minutes.
आप की यादें (कविता का शीर्षक)चाँदनी रात हैएक प्यारी सी बात हैहाथों में चाय का प्याला हैआपके आगमन से जीवन में उजाला हैयही बैठे हुएचाय की चुस्कियाँ लगाते हैंजबभी आपका खयाल आता हैमन ही मन मुस्कुराते हैं । यूँ तारों का टिम-टिमानाआपकी आखें याद दिलाता हैचाँद पर नज़र जाए तोआपका चेहरा नज़र आता हैकुछ तो […]
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February 24, 2020.Reading time 6 minutes.
कुछ तो असर है (कविता का शीर्षक)कुछ तो असर है ज़िन्दगी में तेरी दुआओं का,कि ग़म बहुत है, आँखें भी नम है,फिर भी जिए जा रहे हैं, धीरे धीरे ही सही पर दो घूँट पीए जा रहे हैं,एक नीला सा आसमान है, कहने को तो सारा जहान है,पर तेरे बिना सब मंजर बंजर सब रेगिस्तान […]
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January 15, 2020.Reading time 5 minutes.
तुमसेउस एक दिन जब बातें शुरू हुई तुमसेलगा कुछ तो अलग सा है तुम मेंलगा कुछ तो नया सा है तुम मेंफिर रोज़ की बातें होती गयीऔर यूं बिना सोचे पिघलती रही मैं उन मेंयूं ही बिना समझे फिसलती रही उस रास्ते पेहाँ पता था मुझको दोबारा उसी रास्ते जा रही हूँ जहाँ गम बहुत […]
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January 7, 2020.Reading time 3 minutes.
एक सहारा मिला था (कविता का शीर्षक) एक सहारा मिला था,जीवन में आगे बढ़ने के लिएआज वो भी छूटा सा नज़र आ रहा हैजो बनाया था कभी सपनों का महल,आज वो भी टूटा से नज़र आ रहा हैजीवन की नदी पार करने काकोई किनारा नहीं दिखाई पड़ता,बस चारों ओर समंदर नज़र आ रहा हैउलझ गया […]
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November 28, 2019.Reading time 2 minutes.
‘वह पल’ सालों का इंतज़ार एक पल बनके खड़ा था चाह तो थी कुछ और लेकिन समय विपरीत ही चल पड़ा था ।। पल की नज़दीकी क्षणिक और थी समय का चक्र भी मानो स्थल सा पड़ा था ।। आते ही उसके मैं समझ से बाहर खड़ा था मानो किसी बंजर जमीन को पानी का […]
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October 17, 2016.Reading time less than 1 minute.
मैंने चाहा तुमको चाहा हाँ सिर्फ तुमको चाहा तुमको पाना चाहा तुम में खोना चाहा पर तुमने मुझे ठुकराया मेरा मज़ाक बनाया मुझको पागल बताया नफरत को यूं निभाया हर लम्हा मेरा तनहा प्यार मेरा हुआ रुस्वा ये कैसा दर्द है रब्बा एक पल भी नहीं है चैना मैंने चाहा तुमको चाहा हाँ सिर्फ तुमको […]
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February 22, 2014.Reading time 1 minute.
उनको छूने का एहसास अब अजनबी नहीं लगता कि वो दिल के बहुत करीब हो गये लड़ते हैं झगड़ते हैं कि देते हैं हज़ारों घाव प्यार के वो दिनभर हमको कि रात में हम रोते हुए सो जाते हैं लेकिन वो भी करते हैं इस क़दर प्यार हमको कि रात में जब हम सो जाते हैं […]
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