August 9, 2021.Reading time 2 minutes.
मेरे जज़्बात किसको बताऊं दिल की जाकर, मैं तो खुद से छिप कर बैठा हूं । दर्द, दुखांत, उदासियों को, मैं खुदमें लिफकर बैठा हूं । बस कलम से है बंधन मेरा, तभी बेयान यह लिख कर बैठा हूं । किसको बताऊं दिल की जाकर, मैं तो खुद से छिप कर बैठा हूं । मेरी […]
Read MoreLike this:
Like Loading...
February 24, 2020.Reading time 6 minutes.
कुछ तो असर है (कविता का शीर्षक)कुछ तो असर है ज़िन्दगी में तेरी दुआओं का,कि ग़म बहुत है, आँखें भी नम है,फिर भी जिए जा रहे हैं, धीरे धीरे ही सही पर दो घूँट पीए जा रहे हैं,एक नीला सा आसमान है, कहने को तो सारा जहान है,पर तेरे बिना सब मंजर बंजर सब रेगिस्तान […]
Read MoreLike this:
Like Loading...
August 6, 2017.Reading time less than 1 minute.
थम गई है सोच भी थम गई है मंज़िल भी ना कोई साथी है ना कोई हमसफ़र चलना तो है लेकिन किस ओर अँधेरे को चीर कर जाना है कही लेकिन किस ओर और क्यूँ ? -दिव्या Tham gayi hai soch bhi Tham gayi hai manzil bhi Na koi sathi hai Na koi ham safar […]
Read MoreLike this:
Like Loading...
October 19, 2016.Reading time 3 minutes.
हौसला टूट चुका है, अब उम्मीद कहीं जख्मी बेजान मिले शायद, जब तुम लौट कर आओ तो सब वीरान मिले शायद वो बरगद का पेड़ जहां दोनों छुपकर मिला करते थे, वो बाग जहां सब फूल तेरी हंसी से खिला करते थे, वो खिड़की जहां से छुपकर तुम मुझे अक्सर देखा करती थी, वो गलियां […]
Read MoreLike this:
Like Loading...
August 17, 2016.Reading time 1 minute.
मेरे साकी ने आज गज़ब कर दिया हाल दिल का कुछ अजब कर दिया यूँ तो कुछ वो कुछ कहते नहीं आज जो बोले तो क़यामत ढाई दिल से दिल मिले थे कभी क्या पता था सपनो में कहीं हाल दिल का किसी और के लिये सुना मेरे साकी ने मेरा क़त्ल दिया – अनुष्का सूरी […]
Read MoreLike this:
Like Loading...