May 17, 2020.Reading time 5 minutes.
गलती बेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं,कुछ मेरी भी होगी खामोश रातों में आंखें तेरी भी भीगी होगीयकीन है हमेंतू भी तड़पा होगा भीगी पलकों के साथबीते लम्हों की तुझे भी याद आयी होगीबेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं,कुछ मेरी भी होगी वो रातों की कुछ शरारतेंजिस में अक्सर नींदें खो जाया करती थीबेशक तुझे भी याद […]
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March 15, 2020.Reading time 5 minutes.
तुम्हारी याद दिल से जाती नहीं (कविता का शीर्षक) तुम से मिलने की आशा बहुत है मगर,तुम से मिलने कि रुत है कि आती नहीं|करूँ कितनी भी कोशिश दिल बहलाने की मगर,एक तेरी याद दिल से है कि जाती नहीं || प्रेम कि राह में मुझको ले चली|वो हाथ पकड़ के अपनी गली||मैं तो चलता […]
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January 7, 2020.Reading time 3 minutes.
एक सहारा मिला था (कविता का शीर्षक) एक सहारा मिला था,जीवन में आगे बढ़ने के लिएआज वो भी छूटा सा नज़र आ रहा हैजो बनाया था कभी सपनों का महल,आज वो भी टूटा से नज़र आ रहा हैजीवन की नदी पार करने काकोई किनारा नहीं दिखाई पड़ता,बस चारों ओर समंदर नज़र आ रहा हैउलझ गया […]
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December 16, 2019.Reading time 2 minutes.
रिश्ते की एहमियतजड़ों में ज़ख्म लग जायेंतो शाखें सूख जाती हैं,मिले हों मन अगरतो बातें रास आती हैं,दो लोगों की ज़रूरत कोकोई क्या जान पाया है,जुदाई एक दूजे कीअहमियत को बताती है ।भदौरिया निहारिका (रचनाकार ) Meaning with English Translations (for international and non-Hindi readers): Rishtey Ki Ehmiyat (The Importance of a Relationship) Jadon mein […]
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November 29, 2019.Reading time less than 1 minute.
हवा के झोंकेमैंने सांस ली अपनी छत से…एक झोंके से वो उड़ चलीतू थी कहीं मीलों दूर अपनी छत पे…तेरी भी सांसें उड़ चलीमैंने सोचा कि मिलना तो ना था हमारे मुक़ददर में लिखामगर….कहीं ना कहीं वह हवाएं जाती होंगीजहां हमारे सांसें टकराती होंगी…जो कुछ हम कह न सके कभीवह मिलके अपनी दास्तान सुनाती होंगी […]
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November 28, 2019.Reading time 2 minutes.
‘वह पल’ सालों का इंतज़ार एक पल बनके खड़ा था चाह तो थी कुछ और लेकिन समय विपरीत ही चल पड़ा था ।। पल की नज़दीकी क्षणिक और थी समय का चक्र भी मानो स्थल सा पड़ा था ।। आते ही उसके मैं समझ से बाहर खड़ा था मानो किसी बंजर जमीन को पानी का […]
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August 5, 2019.Reading time 1 minute.
रात की खुमारी मूक अँधेरी रात मेंकिसने छेड़ी बांसुरी की विरह तान कसमसाती हैं कलियाँ सनसनाते हैं कुछ गुमसुम अरमान बहती चपल बयार दिल का दुखड़ा कोई गुनगुनाती है साजन की याद में तड़पती विरहन कोई कुनमुनाती है चाँद है बरसाता नभमंडल से स्वेत अनुरागी कण धरा चूमती जिनको रसीले अधरों से हर-पल हर-क्षणअप्सरा करती श्रृंगार थामकर हाथों में अलौकिक दर्पण झिलमिल तारे झूमकर करते शुभ बेला में […]
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January 20, 2019.Reading time 1 minute.
आरज़ू शून्य घोर चित्त चंचल में एक दबी है आरज़ू, तुम्हारी रोज़ की तकरार की आरज़ू, हमारी भीनी अनदेखी, मुस्कुराहट की आरज़ू, मेरी भीतर गुज़रती हर कसक की आरज़ू, तुम रुस्वाई की बात करते हो, तो समन्दर सी अश्कों से ढलने वाली आरज़ू, लगता है उधार दी है मैंने तुम्हैं सांसे अपनी, इन अधूरी सांसो […]
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