Hindi Love Poem-तुम सच्ची साथी

उठा लेखनी आज कुछ ऐसा काम कर रहा हूँ,
कुछ छन्द, हे जीवनसंगिनी ! तेरे नाम कर रहा हूँ ।

ऋतुओं में सबसे ऊपर ऋतुराज हो तुम,
कल और आज में, मेरा आज हो तुम।

पल-पल मेरा कितना ख्याल रखती हो,
संग-संग मात-पिता और बेटी की संभाल रखती हो।

लौट कर ना आऊं तो करती हो मेरा इंतज़ार,
ज़रा सी देर लगे तो, हाय ! वो आंसुओं की बौछार ।

तीज-त्यौहार-रस्म और सारे व्रत निभाती हो,
सब रिश्ते-नातों में, सुख-दुःख की तुम सच्ची साथी हो।

कवि ‘राज़’ लिख रहा हूँ ‘दीवाना’ खुद को,
वाह! क्या शौहर पाया है, ये कहेगा जमाना तुझको।

-राज़ सोरखी “दीवाना कवि”

Utha lakhani aaj kuch esa kam kar rha hoon
Kuch chhand, hei jivansangani tere nam kar rha hoon

Rituon me sabse upar rituraz ho tum
Kal aur aaj mein mera aaj ho tum

Pal pal mera kitna khyal rkhti ho
Sang sang maat pita aur beti ki sambhal rakhti ho

Laut kar na aau to krti ho mera intezar
Zra si deir lge to wo aansuon ki bochhar

Teez tyohar-rasam aur sare vrat nibhati ho
Sab rishte naton mein sukh dukh ki tum suchi sathi ho

Kavi raz likh rha hoon diwana khud ko
Waah kya shohar paya hai ye khega jmana tujhko

-Raj sorkhi”diwana kavi”

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5 thoughts on “Hindi Love Poem-तुम सच्ची साथी

  1. उठा लेखनी आज कुछ ऐसा काम कर रहा हूँ,
    कुछ छन्द, हे जीवनसंगिनी ! तेरे नाम कर रहा हूँ ।

    ऋतुओं में सबसे ऊपर ऋतुराज हो तुम,
    कल और आज में, मेरा आज हो तुम।

    पल-पल मेरा कितना ख्याल रखती हो,
    संग-संग मात-पिता और बेटी की संभाल रखती हो।

    लौट कर ना आऊ

  2. उठा लेखनी आज कुछ ऐसा काम कर रहा हूँ,
    कुछ छन्द, हे जीवनसंगिनी ! तेरे नाम कर रहा हूँ ।

    ऋतुओं में सबसे ऊपर ऋतुराज हो तुम,
    कल और आज में, मेरा आज हो तुम।

    पल-पल मेरा कितना ख्याल रखती हो,
    संग-संग मात-पिता और बेटी की संभाल रखती हो।

    लौट कर ना आऊं तो करती हो मेरा इंतज़ार,
    ज़रा सी देर लगे तो, हाय ! वो आंसुओं की बौछार ।

    तीज-त्यौहार-रस्म और सारे व्रत निभाती हो,
    सब रिश्ते-नातों में, सुख-दुःख की तुम सच्ची साथी हो।

    कवि ‘राज़’ लिख रहा हूँ ‘दीवाना’ खुद को,
    वाह! क्या शौहर पाया है, ये कहेगा जमाना तुझको।

    -Mohd sohail…………….. “दीवाना कवि”

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