बहुत ही याद आता है मेरे दिल को तड़पाता है
वो तेरा पास न होना बहुत मुझको रुलाता है
वो मेरा तेरी आँखों के समंदर में उत्तर जाना
और तेरी मुस्कुराहट के भंवर में डूबते जाना
तेरी आवाज़ के सहर से न निकल पाना
तुझको देखना और बेखुदी से देखते जाना
बहुत चाहा इन गुज़रे हुए लम्हों को न सोचूँ
न तेरी याद में रह के तेरे साथ का सोचूँ
भुला दूँ साड़ी यादों को कि जिनसे दिल तड़पता है
कि जिन से टीस उठती है कि जिनसे दर्द होता है
मगर जब रात आती है तो तेरी याद आती है
तेरे ही ख्वाब होते हैं तेरी ही बात होती है
अब मुमकिन नहीं है तुझको भुला देना
तेरी याद में रहना तुझे ही सोचते रहना
तुझे जब याद करते हैं तो दिल अपना तड़पता है
वो तेरा पास न होना बहुत महसूस होता है
-गीतेश नंदेश्वर
Dil ki tadap ka ahsas use hi ho sakta hai jisne pyar kiya hai
Bahot khub ……
awesome.♡♡♡♡♡
nice lines i like it
i like a this kavita this kavita is thorchig to my hart
suraj vishwakarma faizabad up shid and i like so musch this kavita i lovingit
lv this..
I love this poem too much….