
दिल में बसा लिया
ख्वाबों के बादल से तुझको चुराके लाऊँगा,
करके प्यार का इज़हार तुझको दिल में बसाऊंगा,
महकेगी हर फ़िज़ा हर कली तेरे आने की आहट से,
दिल की बगिया में कुछ फूल तेरी खुशियों के मैं भी खिलाऊँगा,
जैसे ही पहुंचा मैं तेरे पास तेरी पायल को मस्ती छा गयी,
छम छम सी करने लगी कहने लगी दिल में बहार आ गयी,
तेरी आँखों का काजल भी शैतानी करने लगा
कहने लगा तू भी मुझसे प्यार है करने लगी,
उठा के तुझको गोद में बाहों का हार पहन लिया,
देखने लगी ये कलियाँ,ये फिज़ायें,तेरी पायल
सबको हया सी शर्म आ गयी,
होने लगी उस पल हमारी सिर्फ आँखों आँखों में बातें
राज़ ये गहरा जताने लगी,
उसके बिन कहे ही
उसके प्यार का एहसास दिलाने लगी,
रहा ना उस एक पल प्यार पे काबू
सीने से उसको लगा लिया,
लेके बाँहों के आगोश में उसको छुपा लिया,
किसी की नज़र का एहसास भी ना छू पाये
तुझको मेरी नज़रों के सिवाय,
ये सोच के तुझको हमेशा के लिये
दिल में बसा लिया
-गौरव
Thanks2both of u.
Thanks
Really nice love poem——Prabhat
Really nice one………….Love poem