यादों के झरोखों में

यादों के झरोखों में मिलता है मीत कोई
दिल की तरंगों से बजता है संगीत कोई
जैसे पानी को तरसता है पक्षी प्यासा
वैसे मांगू तुझे मिल जाए तू ज़रा सा
जहाँ देखू आता है तू ही बस नज़र
तेरे लिए कितना हूँ  बेताब तुझे क्या खबर
आज तक जिंदा हूँ तुझसे मिलने की ही आस में
वो लम्हा कब आयेगा ऐ खुदा जब तू होगा पास में

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Writer, Marketer, Singer, Motivator, Educator, Poet, Blogger, Author, Editor, Researcher who is following her passion in life.

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