November 29, 2019.Reading time less than 1 minute.
हवा के झोंकेमैंने सांस ली अपनी छत से…एक झोंके से वो उड़ चलीतू थी कहीं मीलों दूर अपनी छत पे…तेरी भी सांसें उड़ चलीमैंने सोचा कि मिलना तो ना था हमारे मुक़ददर में लिखामगर….कहीं ना कहीं वह हवाएं जाती होंगीजहां हमारे सांसें टकराती होंगी…जो कुछ हम कह न सके कभीवह मिलके अपनी दास्तान सुनाती होंगी […]
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May 15, 2019.Reading time less than 1 minute.
लिख न सके बहुत कुछ सोचा पर कम लिखूं कभी आप कभी मैं कभी हम लिखूं आप का प्यार लिखूं आप की वफा लिखूंआप की शरमो हया लिखूं आप की बातें लिखूंआप के साथ बितायी हसीन रात लिखूंअब आप ही बताइए कि मैं क्या लिखूं -नेहा चौधरी
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January 20, 2019.Reading time 1 minute.
आरज़ू शून्य घोर चित्त चंचल में एक दबी है आरज़ू, तुम्हारी रोज़ की तकरार की आरज़ू, हमारी भीनी अनदेखी, मुस्कुराहट की आरज़ू, मेरी भीतर गुज़रती हर कसक की आरज़ू, तुम रुस्वाई की बात करते हो, तो समन्दर सी अश्कों से ढलने वाली आरज़ू, लगता है उधार दी है मैंने तुम्हैं सांसे अपनी, इन अधूरी सांसो […]
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