आँखों में झांको मेरी
खो जाने दो खुद को
बाँहों में आओ मेरी
सो जाने दो खुद को
दिल में आओ मेरे
बसा लो यहाँ खुद को
तुम मेरी हो मेरी रहोगी
केह दो आज तुम सभी को
तुम चाहो या भुला दो मुझको
आशिक़ ये तुम्हारा चाहेगा बस तुम्हीं को
Hindi Love Poems| प्रेम कविता |Romantic Poems|Prem Kavita
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सब जगह तू नहीं तो तेरा नाम है
क्या कहें तेरा आशिक क्यों बदनाम है
दिल से निकलती है तेरे लिए सिर्फ दुआ
तू क्या जाने तूने दिल को कैसे है छुआ
अब तो तेरे प्यार में है जीना सिर्फ जीना
ये आशिकी का जाम हमने भी पीना
तू आजाये अगर महफ़िल में तो है बहार
वरना फूलों की बहार भी है बेकार
और क्या कहूँ तेरी तारीफ में ओ ज़ालिम
कैसे करता है तू बिना खंज़र के क़त्ल-ऐ-रहम
कब से कहना चाहता हूँ कह नहीं पाता
पास रहना चाहता हूँ रह नहीं पाता
जब से तुम मिले हो फूल बिछे राह
और काटें हो गए सब ही तबाह
तुम्हारी मुस्कुराहट सबसे खूबसूरत है
दुनिया में क्या तुमसे भली भी कोई मूरत है
चाहता हूँ रखना तुमको सबसे करीब
खुदा काश ऐसे हों मेरे नसीब
सपनों के सागर में एक लोटा डगमगाता है
आँखों के रास्ते वो बह कर आता है
आकाश के तारों को छूने की अभिलाषा है
वक़्त के साथ बदलाव लाने की आशा है
दिल के एक कोने में एक ज़िन्दगी लहराती है
जो बस बढती जाये वही तो यह बंदगी कहलाती है
मन के सितार में सुरों की जो माला है
क्या कहें कितने प्यार से बाँधा ये ताला है
किस कदर हैरत से गुज़रती है ये जिंदगानी
कभी है ठंडी बर्फ और कभी है तपता पानी
दुनिया की सर्कस में कुछ दिनों का ये खेला है
अभी जीलो सबके संग पर जाना अकेला है