January 10, 2020.Reading time 7 minutes.
क्या हो तुम (कविता का शीर्षक)तुम्हें पता है कौन हो तुममेरे जिंदगी की अनछुई परछाई हो तुमसमझता मैं भी अजनबी था तुझे,मिला मुझे खुद का पता जब न था,मिली जब पनाह तेरे प्यार की,छोड़ हक़ीक़त सपनों में खो गया,मिला तेरा साथ तो अपनों का हो गया,बिताये हर एक पल ग़मों से दूर रहा मैं,रहता जिस […]
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January 14, 2018.Reading time 1 minute.
तुम हो एक अनमोल अंगूठी या फिर उसका कोई नगीना तुम सी नहीं है कोई अनूठी कातिल काफिर कोई हंसीना आंखें तुम्हारी कारी कजरारी चाल तुम्हारी बड़ी मतवारी एक बार जो तुम कुछ बोलो जैसे शब्द में मिश्री घोलो हो तुम बड़े ही नखरे वाली तुम्हारी है हर बात निराली -अनुष्का सूरी (शायरा) How to […]
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July 10, 2017.Reading time 1 minute.
वो मृगनयनी शोख हसीना। मोहक रंगों वाली है। हिरनी सी है चाल अनोखी। चंचल चितवन वाली है। कजरारे नयनों में वो काजल खूब लगाती है। होंठों पर मुस्कान सजा के सबका होश उड़ाती है। कोमल कोपल पंखुरी लागे। रंग गुलाबी भाता। जब चलती है लगे समीरा सावन उमड़ के आता। झर झर के वो झरना […]
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December 26, 2014.Reading time less than 1 minute.
हाय तेरी आँखें जिसमे सुंदर संसार नजर आता है। होंगी उज्जवल हिरणी की आँखे, पर उसमे विस्मय, तुझमें विश्वास नज़र आता है। हाय तेरी आँखें, जो मुझे मेरी मंजिल दिखाती हैं। बर्फ की धवल कुंडो में, नीली जल राशि, जीवन संघर्ष विस्मृत कर, मन मदमस्त कर जाती हैं। हाय तेरी आँखें, ऐसा प्रेमपाश छोड़ देती […]
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