January 15, 2020.Reading time 5 minutes.
तुमसेउस एक दिन जब बातें शुरू हुई तुमसेलगा कुछ तो अलग सा है तुम मेंलगा कुछ तो नया सा है तुम मेंफिर रोज़ की बातें होती गयीऔर यूं बिना सोचे पिघलती रही मैं उन मेंयूं ही बिना समझे फिसलती रही उस रास्ते पेहाँ पता था मुझको दोबारा उसी रास्ते जा रही हूँ जहाँ गम बहुत […]
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January 7, 2020.Reading time 3 minutes.
एक सहारा मिला था (कविता का शीर्षक) एक सहारा मिला था,जीवन में आगे बढ़ने के लिएआज वो भी छूटा सा नज़र आ रहा हैजो बनाया था कभी सपनों का महल,आज वो भी टूटा से नज़र आ रहा हैजीवन की नदी पार करने काकोई किनारा नहीं दिखाई पड़ता,बस चारों ओर समंदर नज़र आ रहा हैउलझ गया […]
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