May 17, 2020.Reading time 5 minutes.
गलती बेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं,कुछ मेरी भी होगी खामोश रातों में आंखें तेरी भी भीगी होगीयकीन है हमेंतू भी तड़पा होगा भीगी पलकों के साथबीते लम्हों की तुझे भी याद आयी होगीबेशक गलती सिर्फ तेरी नहीं,कुछ मेरी भी होगी वो रातों की कुछ शरारतेंजिस में अक्सर नींदें खो जाया करती थीबेशक तुझे भी याद […]
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March 3, 2020.Reading time 13 minutes.
एक वक़्त था (कविता का शीर्षक) एक वक़्त था .. जब हम अजनबी हुआ करते थे एक वक़्त था . जब वो अजनबी हो कर भी अपना सा लगा करता था एक वक़्त था . जब आंखें सिर्फ उसी को ढूंढा करती थी . एक वक़्त था .. जब उसे न देखो तो बेचैनी सी […]
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February 6, 2016.Reading time 1 minute.
कोई क्यों हमें इतना दर्द दे जाता है कि इंसान खुदसे अजनबी हो जाता है हज़ारों चहरे हैं इस दुनिया में फिर भी एक चेहरे की तलाश क्यों रहती है क्या दर्द का रिश्ता इतना गहरा होता है कि ज़िन्दगी खुद एक शिकायत बन जाये कैसे जिएंगे अब उसके बिन जिससे दूर कभी रहे नहीं […]
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