तेरी निगाहें,
तेरी अदाएं
तेरी पनाहें,
उफ़ ये फिज़ाएँ
आशिक़ बनाएं
जीना सिखाएं
तुझको ही देखें
तुझको ही चाहें
तुझको ही पूजें
तुझको ही पाएं
ये तेरा चितवन
हो जैसे चन्दन
प्रेम का बंधन
दिल की ये धड़कन
बढ़ती ही जाये
तुझको बुलाये
जब तू मिलेगी
ज़िन्दगी खिलेगी
मेरी हमसफ़र
क्या तू बनेगी?
-अनुष्का सूरी