तुम्हारी याद दिल से जाती नहीं (कविता का शीर्षक) तुम से मिलने की आशा बहुत है मगर,तुम से मिलने कि रुत है कि आती नहीं|करूँ कितनी भी कोशिश दिल बहलाने की मगर,एक तेरी याद दिल से है कि जाती नहीं || प्रेम कि राह में मुझको ले चली|वो हाथ पकड़ के अपनी गली||मैं तो चलता […]
September 10, 2018.Reading time less than 1 minute.
बिछड़ी प्यार की धड़कने आँखों में नमी दे बन्द राहों की उलझनें जीने न दे वो खामोशियाँ भी इश्क़ को ही तलाशे कुछ अनकही सी ख्वाइशें दिल तो छुपा दे ये मोहोब्बत कैसा जो अंग अंग लुटा न दे…… -स्वेता Bichadi pyaar ki dhadkaney Aankhon mein nami de Bandh raahon ki uljhan Jeene na de […]
आँखें जो खुली तो उन्हें अपने करीब पाया ना था कभी थे रूह में शामिल आज उनका साया ना था बेपनाह मोहब्बत की जिनसे उम्मीदें लिये बैठे थे उनसे तन्हाइयों की सौगातें मिलेंगी बताया ना था एक हम ही कसीदे हुस्न के हर बार पढ़ते रहे पर उसने तो कभी हाल-ए-दिल सुनाया ना था वो […]
मैं तन्हा हूँ मुझे तन्हा ही रहने दो देखकर मेरे बहते आंसू तुम अपने लहू न बहने दो मैं आपका दीवाना हूँ मुझे बस अपना पागल रहने दो मिट गया जो सवेरा मेरा अब कैसे खोजूं घर मैं तेरा मुझे रोशनी से नफरत सी है ए मेरे दोस्त तुम मुझे अब चांदनी के काजल में […]
काश दिल की बात दिल में ही रह जाती तब ये दुनिया तेरे मेरे बीच ना आती तब ना होती ये दूरियां और ना ही कोई खामोशी बस तु अनजान होकर भी अनजाना ना होता तब अगर हो जाती मुलाकात तो मुस्कुराने का एक बहाना भी होता ख्यालों में ही सही पर तेरे पास होने […]
हाँ मचला था कुछ पल को दिल फिर सो गया आज उससे फिर मिल भी लिये तो क्या हो गया मोहब्बत की राहों में हर किसी को भटकना है सामना उनसे अगर हो भी गया तो क्या हो गया माना की ज़ख्म अभी अभी तो भरा था मेरा उसके मिलने से हरा हो भी गया […]
जीवन जीना हो तो कुछ तो खोना ही पड़ेगा, चाह कर भी किसी को खोना ही पड़ेगा, मिलना ना मिलना तो तकदीर का खेल है। अपनी तक़दीर ही समझ कर खुद को समझना ही पड़ेगा। कुछ तो कमी रही है जो ये सजा मिली है। दिल मे हा है और ना चाहते हुए भी हमे […]
नहीं होता है एहसास किसी को किसी के दिल के दर्द का क्यों करता है ग़ुनाह की किसी के दिल को दुखाने का क्यूँ ये दर्द इतना इतना गहरा है फिर भी इसमें ना कोई पहरा है मैंने तो मौत को करीब से देखा है फिर भी वक़्त मेरे इंतज़ार में ठहरा है क्यों नहीं […]
गम-ए-महफ़िल मे रुतबा हमारा और था आशिकों की भीड़ मे रुतबा हमारा और था फख्त हर वक्त आरजु उनकी बस दिल्लगी थी कैसे समझाते ‘साहिल’, लिये तिरे जज्बा हमारा और था। यू तो कई शख्सियते,शहर मे रूबरू थी कुछ ख्वाहिशे तो,कुछ को पाने की आरजु थी हर दफ़ा किसी बहाने नजरे चुरा ही लेते हम […]
वो बचपन अच्छा था ये जवानी हार गई स्कूल के दिन अच्छे थे ये कॉलेज की इंजीनियरिंग मार गई वो मोज मस्ती तो स्कूल की थी जहाँ पहली से ना छोड़ा दसवीं तक का साथ वो स्कूल नहीं परिवार था जहां सब एक दूसरे के लिए मरते थे बिछडने का ना ग़म कोई और खुशी […]
February 20, 2018.Reading time less than 1 minute.
काली पन्नों में लिखें तकदीरें बने रिश्तों की गवाही जनम जनम के कस्मे वादे बने टूटे दिल की परचाई बादलों की मेरी ये महल में छा गयी तन्हाई हमारी हर वो याद में जान है समायी चहरे पे मुस्कान लिए पीछे आँसू है छिपाई ~स्वेता Kaali pannom me likhe takdeere Bane rishton ki gavahi Janam […]
ज़ालिम , सितमगर , क़ातिल या बला होते तुम कुछ भी होते पर मेरी क़िस्मत में तो होते कुछ और जगह रखते अपने महल में मुलाजिम की तेरे सजदे में सर झुकाते और तेरी ख़िदमत में हम होते कभी चखने तो आते तुम मेरी नज़्मों के जाम को फिर रोज़ पिया करते तेरी आदत में […]
दर्द अपने दिल का हमने एक अरसे बाद खोला है बस बात ये अलग है की दर्द लबो से नहीं अल्फाज़ो से बोला है तुम जान ही नहीं सके हमे हम किस कदर तुम पे मरते थे भुला था वो राज़ मैं बड़ी मुश्किल से आज हमने दिल को टटोला है याद में तेरी यारा […]
दिल दिया दर्द लिया हाँ मैने इश्क़ किया दिल दिया दर्द लिया हाँ मैने इश्क़ किया तेरा दीदार किया हाँ मैंने इश्क़ किया तुझ पे ऐतबार किया हाँ मैंने इश्क़ किया दिल दिया दर्द लिया हाँ मैंने इश्क़ किया दिल दिया दर्द लिया हाँ मैंने इश्क़ किया तेरे बिन तड़पे ये जिया हाँ मैंने इश्क़ […]