January 10, 2020.Reading time 7 minutes.
क्या हो तुम (कविता का शीर्षक)तुम्हें पता है कौन हो तुममेरे जिंदगी की अनछुई परछाई हो तुमसमझता मैं भी अजनबी था तुझे,मिला मुझे खुद का पता जब न था,मिली जब पनाह तेरे प्यार की,छोड़ हक़ीक़त सपनों में खो गया,मिला तेरा साथ तो अपनों का हो गया,बिताये हर एक पल ग़मों से दूर रहा मैं,रहता जिस […]
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January 8, 2020.Reading time 2 minutes.
सुनो (कविता का शीर्षक ) सुनो, क्या दो पल मुझसे बात करोगी?सुनो, ज़िन्दगी के सफ़र पर तुम मेरे साथ चलोगी?सुनो, मेरी कहानियों से निकल तुम रास्ते में मेरा हाथ पकड़ोगी?सुनो, तुम क्यों हर वक्त जानकर भी अनजान बनती होकुछ सीख तुम्हें भी तो मिली होगीकि कैसे किया जाता है प्यारएक बार फिर पूछता हूँसुनो क्या […]
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