Hindi Love Poem – Veh Pal

‘वह पल’ सालों का इंतज़ार एक पल बनके खड़ा था चाह तो थी कुछ और लेकिन समय विपरीत ही चल पड़ा था ।। पल की नज़दीकी क्षणिक और थी समय का चक्र भी मानो स्थल सा पड़ा था ।। आते ही उसके मैं समझ से बाहर खड़ा था मानो किसी बंजर जमीन को पानी का […]

Read More