अब तो तेरी ही याद में तड़पता है मेरा ये दिल
तू ही तो है मेरे प्यार की वो मंज़िल
तुझे खोजा है मैने जाने कितने ठिकानों मे
कभी अपनो में तो कभी कुछ बेगानों में
अब राहत है इस दिल को कि तू मेरे पास है
तुझे क्या मालूम तू मेरे लिये कितनी खास है
तेरी खुशी को देख कर मुझ में आती है जान
मेरे लिये तो अनमोल है बस तेरी प्यारी मुस्कान
जब है तू साथ मेरे तब नहीं है मुझे कोई डर